इंदाैर,न्यूज़ धमाका :- आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है और छाेटी–छाेटी जरूरताें काे पहचानकर युवाओं ने ऐसे वैचारिक अविष्कार किए जिनसे न केवल वे सफलता की इबारत लिख रहे हैं बल्कि दूसराें काे भी राेजगार उपलब्ध करवा रहे हैं।
इंदाैर में आयाेजित मप्र स्टार्टअप सम्मेलन में ऐसे साै से अधिक युवा अपने नवीन विचाराें के साथ शामिल हुए हैं। इनके स्टार्टअप और सफलता की कहानियां यहां आए हजाराें युवा और विद्यार्थियों काे करियर की नई राह दिखा रही है।
इंदाैर के प्रयास सक्सेना ने किसानाें की समस्या सुलझाने के लिए ड्राेन का इस्तेमाल शुरू किया। वे बताते हैं, ‘हमें शुरुआत में पैसाें की जरूरत थी ताे स्टैंडअप इंडिया याेजना के तहत लाेन भी मिल गया था। हम ड्राेन बेचने के बजाए सेवा प्रदाता हैं। एक एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव 500 रुपये में हाेता है।
ड्राेन के कारण किसानाें काे हाथाें से छिड़काव नहीं करना पड़ता है। कीटनाशक का छिड़काव करते हुए किसानाें के हाथ खराब हाेते थे, पैदल चलने से फसल काे भी नुकसान पहुंचता था और कीटनाशक के कारण नशे या अन्य साइड इफैक्ट भी हाेते थे। मगर ड्राेन के कारण न सिर्फ समय की बचत हाेती है बल्कि पूरे खेत में एक जैसा छिड़काव हाेता है।
जाे किसान ड्राेन नहीं खरीद सकते, वे भी इस सेवा का इस्तेमाल कर फायदा ले रहे हैं। प्रयास बताते हैं कि वे पूरे मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्राें में काम कर रहे हैं। अब इस स्टार्टअप की लाेकप्रियता बढ़ी है ताे महाराष्ट्र से भी किसान बुलाने लगे हैं।