बिलासपुर,न्यूज़ धमाका :-अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच ने अब मतांतरण के खिलाफ हल्ला बोलना शुरू कर दिया है। मतांतरण को राष्ट्रव्यापी मुद्दा बनाने की दिशा में जोर शोर से आंदोलन की शुस्र्आत कर दी है। छत्तीसगढ़ में मुंगेली जिले के लोरमी से गुस्र्वार को इसकी शुस्र्आत हो गई है।
27 मई को बिलासपुर जिला मुख्यालय में मंच के बैनर तले महारैली का आयोजन होगा। महारैली में प्रभावी भीड़ जुटाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। मंच के पदाधिकारियों की सक्रियता भी बढ़ने लगी है। अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच ने आदिवासी समाज के उन लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मंच का मानना है कि मतांतरित होने वाले आदिवासियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।अपने धर्म व समाज के प्रति विश्वसनीय ना रहने वाले ऐसे लोगों के कारण समाज के मुख्यधारा के साथ जुड़े रहने वाले युवाओं को आरक्षण की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। मतांतरित आरक्षण की सुविधा का लाभ ले रहे हैं और समाज के युवा पीढ़ी को भरमाने का काम भी कर रहे हैं।
लोरमी की महारैली में जुटी भारी भीड़ से मंच के पदाधिकारी व रणनीतिकार उत्साहित नजर आ रहे हैं। मुंगेली जिले के लोरमी के बाद 27 मई को बिलासपुर जिला मुख्यालय में महारैली की घोषणा मंच ने कर दी है। मंच की घोषणा के बाद से ही जिला व पुलिस प्रशासन के आला अफसरों की सक्रियता भी बढ़ने लगी है।
गोपनीय सूचना देने वाले तंत्र को प्रशासन ने सक्रिय कर दिया है। जिले की सीमाओं की ओर चौकसी बढ़ा दी गई है। मंच के पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश में सक्रिय आदिवासी समाज के पदाधिकारियों की ओर भी नजरें टिकाए हुए हैं।
शुरू होगा बैठकों का दौर
अनुसूचित जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले महारैली की सफलता के लिए मंच व वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारियों के अलावा पर्दे के पीछे भाजपा व अनुषांगिक संगठनों की सक्रियता भी बढ़ गई है। शनिवार से महारैली में भीड़ जुटाने और प्रबंधन के लिए बैठकों को दौर शुरू होगा। इसमें भाजपा के अलावा अनुषांगिक संगठन के पदाधिकारियों को भीड़ जुटाने का जिम्मा सौंपा जाएगा।