बिलासपुर न्यूज़ धमाका // नई शिक्षा नीति आने के बाद अब उच्च शिक्षा विभाग ने अगले सत्र से स्नातक लेवल का सिलेबस बदलने की दिशा में प्रक्रिया शुरू की है। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए केंद्रीय अध्ययन मंडल बनाया है। साथ ही प्रदेश की तीन यूनिवर्सिटी को सिलेबस बनाने का जिम्मा भी दे दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी विज्ञान संकाय का सिलेबस तैयार करेगी।
पं. रविशंकर यूनिवर्सिटी कला संकाय और हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी दुर्ग कॉमर्स और प्रबंधन का सिलेबस तैयार करेगी। उच्च शिक्षा की आयुक्त शारदा वर्मा ने सभी यूनिवर्सिटी को 9 बिंदु की जानकारी दी है, जिसके आधार पर सिलेबस का अनुमोदन करना है। नए सिलेबस में 70 प्रतिशत राष्ट्रीय और 30 प्रतिशत स्थानीय विषय शामिल किए जा सकते हैं। हालांकि सिलेबस में कितना बदलाव होगा, यह फाइनल रिपोर्ट के बाद ही तय होगा। खास बात यह है कि इस बार प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोगी कोर्स भी शामिल होगा।
अध्ययन मंडल को ही सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और उपाधि तय करनी है
उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि अध्ययन मंडल को नई शिक्षा नीति-2020 के अनुसार सिलेबस तैयार करना है। इसमें प्रत्येक वर्ष का पाठ्यक्रम पूर्णता पर हो। इसमें समग्र पाठ्यक्रम हो। छात्र बीच में छोड़ना चाहे तो उसे सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री दी जा सके।
प्रतियोगी परीक्षाओं का सिलेबस भी होगा शामिल
नए सिलेबस में प्रतियोगी परीक्षा जैसे यूपीएससी, पीएससी, नेट, जेआरएफ, एनडीए सहित अन्य के पाठ्यक्रम लगभग शामिल किए जाएंगे। उनके सिलेबस के अनुसार ही स्नातक का सिलेबस होगा। साथ ही केंद्रीय अध्ययन मंडल को बताना है कि कोर्स से छात्रों को क्या फायदा होगा। छात्रों के लिए किस तरह से कितना उपयोगी है। क्रेडिट कोर्स भी सिलेबस में शामिल होना चाहिए।
क्या है सिलेबस तैयार करने की गाइडलाइन
- सिलेबस ऐसा हों, जिससे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में आसानी हो।
- सिलेबस में समानता हो, जिससे छात्र प्रदेश की किसी यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले सकें।
- छात्रों का कम्यूनिकेशन स्किल डेवलप हो और व्यक्तित्व विकास हो।
- हिंदी व अंग्रेजी के पाठ्यक्रम मे कम्यूनिकेशन स्किल व व्यक्तित्व विकास शामिल होगा।
- सिलेबस कौशल उन्नयन और रोजगार देने वाला हो।