देश,न्यूज़ धमाका :-ज्ञानवापी प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही शनिवार सुबह आठ से जारी है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, यह सर्वे कार्य दोपहर 12 बजे तक होगा। कुल 53 लोगों को सर्वे टीम में शामिल किया गया है। सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किया गया है। एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने शुक्रवार को सभी पक्षकारों को इस बाबत लिखित सूचना दी।
शनिवार को निर्धारित समय में कार्यवाही पूरी न होने की स्थिति में अगले दिन फिर कार्यवाही की जाएगी। वह सुनवाई के लिए 17 मई को अपनी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करेंगे। इस बीच, मामले में सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी देर में सुनवाई होगी। आज सुनवाई के लिए शुक्रवार आधी रात को इस केस को लिस्ट किया गया। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बैंच सुनवाई करेगी।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अध्यक्ष, सचिव व संयुक्त सचिव को नोटिस दिया है कि शनिवार सुबह आठ बजे से एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की जाएगी। न्यायालय को एडवोकेट कमिश्नर की ओर से जानकारी दी गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कुछ स्थलों पर ताला बंद है। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही पूर्ण कराने की जिम्मेदारी सौंपी है।
ऐसे में परिसर में यदि कहीं भी ताला बंद है तो कार्यवाही के दौरान खुलवाने की व्यवस्था की जाए। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के प्रारंभ से लेकर अंतिम दिन तक ताला खोलने के जब भी आदेश दिए जाएं, चाबी वहां मौजूद रहनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रशासन कोर्ट के निर्देश के क्रम में ताला तुड़वा देगा। नया ताला लगाकर इसकी चाबी कोषागार में जमा करा दी जाएगी।
कार्यवाही स्थल पर मुकदमे के वादी, प्रतिवादी, अधिवक्ता, एडवोकेट कमिश्नर व सहायक एडवोकेट कमिश्नर तथा कार्यवाही से संबंधित व्यक्तियों के अलावा कोई उपस्थित नहीं होगा। एडवोकेट कमिश्नर पक्षकारों द्वारा बताए गए बिदुओं पर फोटो लेने व वीडियोग्राफी करने के लिए स्वतंत्र होंगे। किसी स्थान पर रुकावट डालने के लिए ताला आदि बंद किया जाता है तो जिला प्रशासन को अधिकार होगा कि ताले को खुलवा या तुड़वाकर कार्यवाही कराए।
कार्यवाही में किसी की ओर से बाधा या रुकावट पैदा की जाती है तो जिला प्रशासन एफआइआर कराकर कड़ी कार्रवाई करेगा। एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र का कहना है कि अदालत के आदेश का अक्षरशः पालन होगा। ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ कार्यवाही संपादित कराई जाएगी। कोशिश होगी कि समयसीमा में कार्यवाही पूरी कर रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की जाए।