बिलासपुर,न्यूज़ धमाका :-अंचलवासियों के लिए जीवनदायिनी अन्त:सलिला अरपा पर रेत माफिया की नजर लग गई है। रेत के ठेके में माफिया दबंगाई के साथ खेल रहे हैं। रेत ठेके लिए नियमों में बदलाव का खामियाजा अरपा नदी को भुगतनी पड़ रहा है। ठेके के नाम पर बेतहाशा रेत की खोदाई हो रही है। नियमों की किसी को परवाह ही नहीं है। दिन रात हो रही खोदाई के कारण अब अरपा के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है।
समय पर इसे नहीं रोका गया तो अरपा इतिहास के पन्न्ों में सिमट कर रह जाएगी। माफिया की दबंगाई कहें या फिर विभागीय अधिकारियों की बेपरवाही। बिलासपुर हाई कोर्ट के निर्देश को भी अफसर और माफिया नहीं मान रहे हैं। इनकी जुगलबंदी भी समय-समय पर सामने आने लगी है। खुले आम मशीनों के जरिए हो रही खोदाई के बाद भी
खनिज विभाग के अधिकारियों की नजरें ना पड़ना शर्मनाक बात है।
अरपा नदी के संरक्षण व संवर्धन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से प्रभावी कार्ययोजना नजर नहीं आती है। अरपा के संरक्षण की दिशा में प्रशासन की उदासीनता के बीच रेत माफिया अपना खेल तेजी के साथ खेल रहे हैं। वैध और अवैध रेत घाटों में सुबह से लेकर देर रात तक भारी वाहनों से लेकर ट्रैक्टर की लंबी कतार देखी जा सकती है।
तुर्काडीह से लेकर सेंदरी और कछार से लेकर तखतपुर की सीमा से लगे घाटों में माफिया राज चलता है। ग्रामीण सबकुछ देखने के बाद चुप हैं। शिकायत करने के बाद कहीं उनके साथ कोई अनहोनी ना हो जाए।
अरपा के संरक्षण के लिए रेत उत्खनन होना चाहिए बंद
सीएमडी कालेज भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डा. पीएल चंद्राकर का कहना है कि नदी के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में गंभीरता के साथ काम करने की जरूरत है। अरपा नदी के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए रेत के बेतहाशा उत्खनन पर रोक लगाने की जरूरत है।
मापदंडों का पालन करना जरूरी है। अरपा नदी के रेत के उत्खनन के कारण कई जगह मिट्टी नजर आ रही है। इससे बारिश के पानी के नहीं रुकने का भी खतरा पैदा हो जाएगा। अरपा में जल स्तर के चलायमान रखने और भूमिगत जलस्रोत को बनाए रखने के लिए रेत का होना जरूरी है।
ये हैं जिम्मेदार
अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी खनिज विभाग की है। इस बारे में जिला खनिज अधिकारी दिनेश मिश्रा का कहना है कि अरपा नदी में रेत की अवैध खोदाई करने वालों पर सख्ती बरती जा रही है। अवैध परिवहन और उत्खनन करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। ट्रैक्टर से लेकर भारी वाहनों की जब्ती भी बनाई जा रही है। जुर्माना भी ठोंका जा रहा है। अवैध खोदाई और परिवहन पर रोक लगाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। हाई कोर्ट के निर्देशों का भी पालन किया जा रहा है।
अरपा के अस्तित्व को बचाने ये है जरूरी
एक पर्यावरण संरक्षण नियमों के अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन हो।2अवैध रेत घाटों पर विभाग की कड़ी निगरानी हो। इसे प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जाए।3वाहनों की आवाजाही पर रोक लगे।4अरपा के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए लोगों के बीच जागस्र्कता फैलाने की आवश्यकता है।