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सत्र के पहले दिन विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज मंडावी को दी श्रद्धांजलि,सीएम भूपेश बघेल ने कहा-एक मजबूत आवाज को खो दिया

रायपुर,विधानसभा,न्यूज़ धमाका :- छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र गुरुवार से शुरू हो गया है। दो दिन के इस विशेष सत्र में आरक्षण विधेयकों को पारित किया जाएगा। सत्र के पहले दिन शुरुआत में ही विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज मंडावी को श्रद्धांजलि दी जा रही है।

विधानसभा का सत्र शुरू होते ही अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भानुप्रतापपुर के विधायक और विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी और मनेंद्रगढ़ से विधायक रहे दीपक पटेल के निधन का उल्लेख किया। मनोज मंडावी को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, उनके निधन से प्रदेश ने आदिवासी समाज की एक मजबूत आवाज को खो दिया है।

उनकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता। दीपक पटेल के योगदान को भी उन्होंने नमन किया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, आबकारी मंत्री कवासी लखमा और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने भी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी है।

सभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सदन में उठ रहे मसलों के क्रम समेत कई मामलों पर बात हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

मंत्री शिव डहरिया और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी मनोज मंडावी और दीपक पटेल को याद किया। बाद में सदन में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना हुई। इसके तुरंत बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

विशेष सत्र के पहले दूसरे दिन यानी दो दिसम्बर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 को पेश करेंगे। इसके साथ ही शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक को भी पेश किया जाना है। दिन भर की चर्चा के बाद इन विधेयकों को पारित कराने की तैयारी है। राज्य कैबिनेट ने इन विधेयकों को प्रारूप को 24 नवम्बर को हुई बैठक में मंजूरी दी थी।

मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सरकार की नीतियों को चुनौती देने की तैयारी की है। विधानसभा में 70 विधायकों वाले सत्ताधारी दल को भरोसा है कि इन विधेयकों को बिना किसी अड़चन के पारित करा लिया जाएगा। विशेष सत्र पर बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा था कि, भाजपा की गलत नीतियों के कारण सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब इसके लिए विशेष सत्र बुलाया गया है। इसमें आदिवासियों के, अनुसूचित जाति के, OBC के और EWS सभी का बिल आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, यह विधेयक पारित होगा ही, सदन में उनकी पार्टी का तीन चौथाई बहुमत है। हम चाहेंगे कि इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया जाए। अगर भाजपा भी समर्थन करेगी तो अच्छी बात है।

यह हो सकता है आरक्षण का नया कोटा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 24 नवम्बर को हुई कैबिनेट की बैठक में आरक्षण का नया अनुपात तय हुआ है। सरकार अब आदिवासी वर्ग-ST को उनकी जनसंख्या के अनुपात में 32% आरक्षण देगी, अनुसूचित जाति-SC को 13% और सबसे बड़े जातीय समूह अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण मिलेगा। वहीं सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने का प्रस्ताव है।

अनूपूरक बजट भी पेश होना है

इस विशेष सत्र में सरकार इस साल का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है। इसके प्रारूप को कैबिनेट की 24 नवम्बर वाली बैठक में ही मंजूरी दी गई थी। इस अनुपूरक में कुछ जरूरी सरकारी खर्चों के लिए धन की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि यह अनुपूरक बजट भी शुक्रवार को ही पेश किया जाएगा।

जनता कांग्रेस ने SC के लिए मांगा 16% आरक्षण

विधानसभा के विशेष सत्र से ठीक पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। उन्होंने आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाने के फैसले का स्वागत करते हुए आरक्षण का नया अनुपात मांगा है। उन्होंने कहा, उनका सुझाव है कि अनुसूचित जाति को 16%, अनुसूचित जनजाति को 32% , अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण मिले। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों यानी EWS को 10% आरक्षण मिले और उसमें भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए भी आरक्षण का प्रावधान हो। छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को 100% आरक्षण का प्रावधान किया जाये। विधेयक पारित होते ही उसे महामहीम राष्ट्रपति को संविधान की 9वीं अनुसूचि में सम्मिलित करने हेतु प्रेषित किया जाए ताकि इस व्यवस्था को न्यायिक चुनौती से सुरक्षित रखा जा सके।

आरक्षण मामले में अब तक क्या हुआ है

राज्य सरकार ने 2012 आरक्षण के अनुपात में बदलाव किया था। इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण 32% कर दिया गया। वहीं अनुसूचित जाति का आरक्षण 12% किया गया। इस कानून को गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। बाद में कई और याचिकाएं दाखिल हुईं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 19 सितम्बर को इसपर फैसला सुनाते हुये राज्य के लोक सेवा आरक्षण अधिनियम को रद्द कर दिया। इसकी वजह से आरक्षण की व्यवस्था खत्म होने की स्थिति पैदा हो गई है। शिक्षण संस्थाओं में भी आरक्षण खत्म हो गया है। भर्ती परीक्षाओं का परिणाम रोक दिया गया है। वहीं कॉलेजों में काउंसलिंग नहीं हो पा रही है।

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Chhattisgarh News Dhamaka Team

स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

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