बिहार,न्यूज़ धमाका :-लालू परिवार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इफ्तार की दावत में बुलाया। उन्होंने इन्कार नहीं किया। अपने सरकारी आवास से राबड़ी देवी के घर पैदल ही पहुंच गए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आगे बढ़कर उनकी अगवानी की। राबड़ी देवी की बहू राजश्री यादव ने पैर छूकर आशीर्वाद लिया। नीतीश लगभग आधा घंटा रुके।
सबसे घुले-मिले। स्नेह बरसाया। रोजेदारों के साथ इबादत भी की। इसके बाद लालू यादव के बेटे तेज प्रताप ने जो कुछ कहा, उसे बिहार में सत्ता परिवर्तन की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। तेज प्रताप ने कहा कि उनकी नीतीश कुमार जी के साथ सीक्रेट बात हुई है और हम बिहार में सरकार जरूर बनाएंगे।
बहरहाल, नीतीश कुमार के ताजा बयान ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। नीतीश ने शनिवार सुबह कहा कि इफ्तार पार्टी का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। क्या हमने इससे पहले कोई इफ्तार पार्टी नहीं की? हम भी इफ्तार की दावत देते हैं और सभी को बुलाते हैं।
बता दें, चार वर्ष बाद लालू-राबड़ी परिवार के किसी समारोह में नीतीश शामिल हुए हैं। आखिरी बार 11 जून, 2018 को तेजप्रताप की शादी में शिरकत की थी। इसके पहले मकर संक्रांति के अवसर पर 2017 में राबड़ी देवी के आवास गए थे। तब महागठबंधन की सरकार थी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बिहार दौरे से एक दिन पहले शुक्रवार को तेजस्वी यादव से नीतीश कुमार के मिलन की चर्चा सरेआम है। अमित शाह कुंवर सिंह के विजयोत्सव में शामिल होने के लिए शनिवार को पटना आ रहे हैं। तेजप्रताप ने नीतीश के लिए रामनवमी के दिन इंट्री लिखा था। 12 दिन बाद दोनों साथ-साथ एक ही सोफे पर बैठे।
साथ में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती एवं राजश्री यादव के अलावा शिवानंद तिवारी एवं अब्दुल बारी सिद्दीकी समेत राजद के कई वरिष्ठ नेताओं ने इफ्तार में नीतीश का साथ दिया। विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह एवं उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन भी पहुंचे। इस इफ्तार पार्टी की चर्चा इसलिए भी है कि महागठबंधन छोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद से नीतीश के राजनीतिक रिश्ते लालू परिवार से सहज नहीं रहे।