रायपुर,न्यूज़ धमाका :- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज प्रश्नकाल में DMFT से रोजगार प्रशिक्षण का मुद्दा का उठा। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने सवाल उठाते हुए प्रशिक्षण पर खर्च की जानकारी मांगी। जिसके बाद मंत्री उमेश पटेल ने बताया कि 3 साल में 33 करोड़ खर्च हुए हैं। बीजेपी ने लगाया आरोप जांजगीर जिले में प्रशिक्षण में राशि खर्च नहीं हुई है। राशि का दूसरे स्थानों में समायोजन किया गया है। इस मामले में भाजपा विधायकों ने जांच की मांग की।
विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने इस मामले की जांच को कहा । मंत्री उमेश पटेल को विधानसभा अध्यक्ष ने किया जांच के लिये निर्देशित किया। भाजपा ने आरोप लगाया कि 33 करोड़ के बंदरबांट का भाजपा ने आरोप लगाया।
मधुमक्खी पालन, मछलीपालन, जूट उत्पादन, ग्राम सभा विकास प्रशिक्षण जैसी ट्रेनिंग दिलाई गई, लेकिन क्या ट्रेनिंग के बाद उनका रोज़गार शुरू हुआ. उनका उत्पाद कहाँ ख़रीदा गया.
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा- जानकारी अलग से दी जायेगी.
सौरभ सिंह ने कहा- डीएमएफ़ की राशि निकालकर रोज़गार सृजन के नाम से पैसा दिया गया. कलेक्टर पैसे का बंदरबाँट कर रहे हैं. सरकार पटवारियों के पीछे पड़ी है जबकि कलेक्टरों के पीछे पड़ना चाहिये.
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा- प्रशिक्षण में किसी तरह की जाँच की जानकारी है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.