रायपुर,न्यूज़ धमाका :- छत्तीसगढ़ नए साल के साथ चुनावी साल में कदम रख चुका है. बीजेपी ने तो पिछले साल ही बड़े बड़े आंदोलन कर चुनाव में उतरने का एलान कर दिया है. अब कांग्रेस भी नए साल की शुरुआत के साथ अपनी शक्ति दिखाने की तैयारी में है. कांग्रेस ने पहली बार प्रदेशभर से लोगों को जन अधिकार महारैली में शामिल होने के लिए बुलाया है. रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में आज एक लाख लोगों को जुटाने का दावा किया है. इससे राजधानी में यातायात व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है.
राजभवन के खिलाफ कांग्रेस की महारैली
दरअसल राज्य में कांग्रेस सरकार ने 76 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित किया है. इसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया है. लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी इसपर राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी है. इस लिए कांग्रेस बीजेपी पर राजभवन पर दबाव डालने का आरोप लगा रही है. इस पूरे मामले में कांग्रेस आज सर्व समाज को जोड़कर एक बड़ी रैली करने जा रही है. इसके लिए आज राजधानी में साइंस कॉलेज ग्राउंड में जन अधिकार महारैली बुलाई गई है. इसके लिए ग्राउंड में मंच बनाया गया है. यही नहीं यहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के बैठने के लिए व्यवस्था की गई है.
इन इलाकों में रहेगा ट्रैफिक जाम
रायपुर ट्रैफिक पुलिस ने भारी भीड़ का अंदाजा लगाकर यहां ट्रैफिक व्यवस्था के लिए रूट मैप जारी किया है. इसके अनुसार, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा और कवर्धा से बस में सवार होकर आने वाले कार्यकर्ता टाटीबंध चौक से GE होकर कार्यक्रम में प्रवेश करेंगे. साथ ही कार में आने वाले कार्यकर्ता सिटी बस डिपो पार्किंग में कार पार्क कर पैदल कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करेंगे.
धमतरी, कांकेर, महासमुंद, बलोदाबाजार और बिलासपुर की ओर से आने वाले कार्यकर्ता रिंग रोड नंबर 1 से सरोना चौक से आमानाका रोड-कांगेरवैली स्कूल होकर एनसीसी ग्राउंड(यूनिवर्सिटी) पार्किंग में अपना वाहन पार्क करेंगे. इसके अलावा कार में आने वाले कार्यकर्ता अपना वाहन हॉकी प्रैक्टिस ग्राउंड और साइंस कॉलेज हॉस्टल पार्किंग में पार्क कर पैदल कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करेंगे.
आरक्षण विवाद में राजभवन पर अटैक
आपको बता दें कि इस महारैली के राजनीति मायने भी अहम है. क्योंकि इस रैली को कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव आगाज माना जा रहा है. कांग्रेस ने बीजेपी पर सीधे हमला करने की बजाय राजभवन पर अटैक करने की कोशिश में है. इससे कांग्रेस केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. वहीं आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा , पीसीसी चीफ मोहन मरकाम समेत मंत्री मंडल के सदस्य और सारे विधायक इस रैली में हुंकार भरेंगे.
76 प्रतिशत आरक्षण पर विवाद जारी है
गौरतलब है 19 सितंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य में 58 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त कर दिया था. इसके बाद आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रोजाना सड़कों पर प्रदर्शन होने लगे तब सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को राज्य में एसटी ओबीसी और जनरल का आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित किया. इसके बाद राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 76 प्रतिशत हो गया. लेकिन राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी है. इसके बाद सरकार और राजभवन के बीच टकराव जारी है.