संवाददाता:-सागर बत्रा रायपुर
तिल्दा नेवरा, न्यूज़ धमाका:- छत्तीसगढ़ प्रदेश में सिंधी समाज ने राजननीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में महती भूमिका अदा की है। फिर भी राजनीति पार्टियों द्वारा समाज की लगातार उपेक्षा की जाती रही है जिससे नाराज सिंधी समाज के द्वारा प्रदेश में राज्यसभा की 2 सीटें खाली हो रही है, जिसमें सिंधी समाज के द्वारा समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग उठ रही है। प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, तिल्दा, भाटापारा, बिल्हा, धमतरी, कांकेर जगदलपुर आदि शहरों मे सिंधी समाज के वोटर्स अत्यधिक है। एक दौर था जब सिंधी समाज के वोट कांग्रेस की झोली में जाते थे, लेकिन पार्टी से कोई महत्व नहीं मिलने के कारण समाज का वोट एक तरफा भाजपा के पक्ष में जाने लगा। प्रधानमंत्री अटल जी के कार्यकाल में समाज के लाल कृष्ण आडवाणी जी को राष्ट्रीय पहचान मिली, जिससे समाज के वोटर भाजपा के प्रति समर्पित होते चले। लेकिन फिर आडवाणी जी को नजरअंदाज किया जाने लगा, उनके साथ ही अन्य सामाजिक नेताओ को कोई तवज्जो नही दी जिसका परिणाम पिछले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। जिसमे समाज के लोगो ने खुल कर कांग्रेस के पक्ष में वोट किया। यहां तक देखने को मिला कि भाजपा से एकमात्र सिंधी उम्मीदवार श्रीचंद सुंदरानी की भी चुनाव में पराजय हुई। जिससे साफ समझा जा सकता है, समाज की उपेक्षा करना राजनीतिक पार्टियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। अब एक बार फिर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुनाव की तिथि की घोषणा की जा चुकी है। 15 राज्यो के लिए 57 सीट पर 10 जून को चुनाव किया जाना है। छत्तीसगढ़ से 2 राज्यसभा सीटे है जिसमें समाज को प्रतिनिधित्व देकर कांग्रेस पार्टी समाज के लिए एक बड़ी सौगात दे सकती है। समाज के पदाधिकारी व मुखी पंचायत प्रमुखों ने कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा में एक सिंधी समुदाय से प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। विगत दिनों बिलासपुर में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में पूज्य राष्ट्रीय सिंधी महापंचायत के राष्ट्रीय महामंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अमर बजाज ने भी राजसभा में सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग की।