रायपुर न्यूज़ धमाका // छत्तीसगढ़ 21 साल का हो गया है. इन 21 सालों में छत्तीसगढ़ ने काफी विकास किया है. 2000 से विकास का जो सफर शुरू हुआ था, वह निरतंर जारी है, लेकिन इन 21 सालों में जो 3 साल का सफर रहा है वो नवा छत्तीसगढ़ का रहा है. उस छत्तीसगढ़ का, जिसे भूपेश सरकार ने नए सिरे गढ़ रही है. इसलिए सरकार ने नारा ही ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ दिया है.
इस नवा छत्तीसगढ़ में क्या-क्या गढ़ा गया है ? क्या-क्या गढ़ा जा रहा है ? क्या-क्या गढ़ा जाएगा ? इस पर बात करेंगे. इस रिपोर्ट में आपको बताएंगे कि किस तरह से छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ न्याय हुआ ? ग्रामीणों, युवाओं और महिलाओं के साथ न्याय हुआ. कैसे यह राज्य अब देश में मॉडल राज्य बनकर उभर रहा है ? कैसे यह राज्य जैविक राज्य की ओर आगे बढ़ रहा है ? कैसे आर्थिकमंदी के दौरे में राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती चली गई ? कैसे कोरोना संकट के बावजूद अपने बलबूते पर यह राज्य अन्य राज्यों की तुलना में बेरोजगारी संकट से दूर रहा है ? कैसे वापस लौटा छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान ? कैसे यह राज्य अपनी भाषाई और सांस्कृतिक अस्मिता को पुनर्जीवित करने में सफल रहा है ?
भूपेश सरकार के इन सालों में राज्य में कुछ बदला हो या न बदला हो, लेकर आर्थिक ढांचा तो जरूर बदला है. किसानों की जेब में पैसे आए तो बाजार गुलजार हुआ. राज्य में व्यापार बढ़ा है और इससे रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं. छत्तीसगढ़ आज देश में एक नए मॉडल राज्य के तौर पर उभर कर सामने आया. फिर चाहे वह कृषि के क्षेत्र में हो या फिर उद्योग या व्यापार के क्षेत्र में. स्वच्छता के क्षेत्र में हो या फिर जैविक खेती को बढ़ावा देने के क्षेत्र में. राज्य का गोधन न्याय योजना और सुराजी (गौठान) योजना की चर्चा आज देश भर में है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं इन योजनाओं के जरिए बताते हैं कि कैसे उन्होंने प्रदेश में पारंपरिक और सांस्कृतिक उत्थान के साथ विकास की नई अवधारणा को प्रस्तुत किया है.
इन क्षेत्रों के साथ-साथ भूपेश बघेल ने प्रशासनिक सुलभता पर भी पूरा ध्यान दिया. बरसों पुरानी उन मांगों को भी पूरा किया जिसके लिए राज्य में कई दशकों से संघर्ष होता रहा है. बात नए जिले और तहसीलों की. राज्य सरकार ने 5 नए जिलों के साथ 72 नई तहसीलें बनाई. इसका सीधा फायदा अब स्थानीय लोगों को होगा. प्रशासन अब आमजनों के और नजदीक होगा. प्रशासन जितना पास, सरकार उतनी पास.
हमारा छत्तीसगढ़ मॉडल
राज्य सरकार को आदिवासी, किसान, महिला, बच्चों के लिए किए जन कल्याणकारी कार्यों के लिए बीते तीन साल में 25 राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. स्वच्छता के लिए भी तीन साल में छत्तीसगढ़ को लगातार तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है. मुख्यमंत्री बघेल ने कहते हैं कि ‘हमारा छत्तीसगढ़ मॉडल, समावेशी विकास का ऐसा मॉडल है, जिसके मूल में सद्भाव, करुणा तथा सबकी भागीदारी है. छत्तीसगढ़ ने तीन वर्षों में यह साबित कर दिखाया है कि छत्तीसगढ़ के लोगों को सिर्फ अपने राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में नई और सही सोच के साथ काम करने वाले लोगों के रूप में पहचाना जाएगा.’
वास्तव में छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल का यह तीन वर्ष चुनौतियों के बीच संघर्ष और हर्ष का रहा है. नवा छत्तीसगढ़ में नव उत्कर्ष का रहा है.