रायपुर न्यूज़ धमाका /// जवानों के परिजन उनके वेतन और प्रमोशन के नियमों में बदलाव को लेकर पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने एक रिपोर्ट भी सरकार को सौंप दी है, जिस पर जल्द फैसला लिया जाना है।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि सहायक आरक्षकों की तरह ही वेतन मिलेगा। DGP की तरफ से मिली रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है, जिसके बाद मुख्यमंत्री इस मामले में घोषणा कर सकते हैं। मगर इससे पहले ही विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए बवाल ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी सोमवार को रायपुर के भाटागांव इलाके में पुलिस परिवार से जुड़ी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। यह सभी महिलाएं बड़े आंदोलन की तैयारी में थी, मगर इससे पहले ही इनके नेतृत्व करने वाले उज्जवल दीवान और उसके कुछ साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद वहां माहौल गरम हो गया।
महिलाओं का साथ देने कुछ राजनीतिक दलों के नेता भी वहां पहुंचे और महिलाओं को प्रोत्साहन और समर्थन दिया, जसके बाद उज्जवल की रिहाई की मांग कर रही महिलाओं ने बवाल खड़ा कर दिया।
गुस्से में आई इन महिलाओं ने वहां व्यवस्था संभल रही सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा के साथ मारपीट की। दिव्या शर्मा पर प्रदर्शनकारी महिलाओं का झुंड टूट पड़ा और उन्हें पीटने लगा। यह घटना मीडिया के कैमरे में भी कैद हुई। इसी दौरान महिलाओं ने आईपीएस रत्ना सिंह का कॉलर खींचा, खबर है कि इस खींचतान में उनका बैच भी टूट गया।
दिव्या शर्मा ने देर रात इस मामले में रायपुर के डीडी नगर थाने में पहुंचकर शिकायत की। अज्ञात महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस परिवार के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राकेश यादव और दूसरे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा और बलवा का केस दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस परिजनों का नेतृत्व करने वाले उज्जवल दीवान, नवीन राय समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।