
रायपुर न्यूज़ धमाका/// राज्य में 25 हजार करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7 लाख 81 हजार मकान बनने वाले थे। लेकिन अब केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर कहा की योजना के तहत राज्य का प्रदर्शन खराब रहा है। और छत्तीसगढ़ ने 40 प्रतिशत की सहभागिता नही दिखाई। इस आरोप के साथ वर्ष 2021-22 के लिए राज्य को आवंटित 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य हेतु आबंटित राशि को वापस ले लिया है
दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के अंर्तगत 60 % केंद्र और 40 % राज्य को वहन करने होते हैं। केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए राज्य को आवंटित 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य वापस ले लिया है । केंद्र सरकार ने कहा है कि मंत्रालय की तरफ से बार बार दिशा निर्देश के बावजूद योजना की प्रगति में राज्य सरकार ने रुचि नहीं दिखाई । नए मकानों के पंजीयन से लेकर हितग्राहियों को नए मकान आवंटन और पहले आवंटित मकानों के निर्माण को लेकर राज्य सरकार संतोषजनक नतीजे देने में असफल रही है । आगे यह भी कहा गया है की 2019 से राज्यांश भी नहीं दिया गया है।
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत भी गर्म हो गई है। मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने है। सत्ता पक्ष केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा है कि केंद्र के पास योजना चलाने के लिए पैसे नही है। अगर केंद्र के पास पैसे होते तो छत्तीसगढ़ से एलॉटमेंट वापस नही लेना पड़ता। दूसरी तरफ भाजपा यही आरोप राज्य सरकार पर लगा रही है। इस सब के बीच प्रदेश की जनता जिन्हें पीएम आवास का लाभ मिलना था उसके बारे में कोई आवाज नही उठती नजर आ रही है।इस मामले पर ट्वीट करते हुए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा माननीय श्री पी एल पुनिया जी ( प्रभारी छ।ग। कांग्रेस ) केंद्र सरकार ने 7।81 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना वापस क्यों ली? इसके कारण आर्थिक है कि राजनीतिक? आर्थिक है तो सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। राजनीतिक है तो विभागीय मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए।