रायपुर न्यूज़ धमाका /// प्रवेश को लेकर इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थिति अच्छी नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में कॉलेज बंद होने के कारण सीटें कम हुई। इस बार इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या कम नहीं हुई। 33 कॉलेजों में ही प्रवेश हुए, लेकिन 730 सीटें हुई थी। इस बार भी कुछ इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश कम हुए हैं इसलिए अगली बार सीटों की संख्या कम हो सकती है। माइनिंग इंजीनियरिंग की भी 75 प्रतिशत सीटें भरी है।
जबकि सिविल की 2010 सीटों में से 739 यानी 36.77 प्रतिशत एडमिशन हुए। मैकेनिकल की 1988 सीटें हैं। इसमें से 440 सीटों भरी, यानी 22.13 प्रतिशत प्रवेश हुए। एक संस्थान में 240 सीटों में से सिर्फ 4 में प्रवेश हुए हैं। जबकि पांच कॉलेजों में 10 फीसदी तक दाखिले हुए हैं। शिक्षा सत्र 2021-22 के अनुसार इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया मंगलवार, 30 नवंबर को खत्म हो गई।
इंजीनियरिंग कॉलेज अपने मिशन पर फेल हुए हैं इसलिए यहां पर एडमिशन की स्थिति इस प्रकार बनी है। और सीट खाली रह गए प्राइवेटाइजेशन से क्वालिटी बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन इससे क्वालिटी गिरी है। काउंसिलिंग के बाद भी 6458 सीटें खाली रह गई। राज्य में 33 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। यहां 11291 सीटें हैं। आखिरी चरण की काउंसिलिंग तक 4833 सीटों ही भरी। यानी 42.80 प्रतिशत प्रवेश हुए।