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डायबिटीज के मरीजों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन करने की ही सलाह दी जाती है। गिलोय शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा ग्लूकोज को बर्न करने में मदद करता है।
जीवन शैली से जुड़ी हुई एक बीमारी है। इससे ग्रसित मरीजों को अपनी लाइफस्टाइल का बेहद ख्याल रखना चाहिए। आंकड़ों की मानें तो भारतीय व्यस्कों में 12 से 18 प्रतिशत डायबिटीज का खतरा बढ़ा है जो शहरी इलाकों में अधिक देखने को मिलता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक दुनिया में डायबिटीज 7वीं सबसे घातक बीमारी बन जाएगी।बड़े ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी तेजी से टाइप 1 डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में खाने में मीठे पर कंट्रोल करना जरूरी है। क्योंकि अगर ये बैलेंस बिगड़ा तो कब प्री-डायबिटिक लोग क्रिटिकल डायबिटीज की कैटेगरी में आ जाएंगे उन्हें पता भी नहीं चलेगा। इसलिए जरूरी है कि लाइफस्टाइल में थोड़ा सुधार करने के साथ खानपान का ध्यान रखें। इसके साथ की आयुर्वेदिक उपाय जैसे गिलोय का सेवन करके काफी हद तक ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं। गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि है जो ब्लड़ शुगर को कंट्रोल करने के साथ-साथ अनेक प्रकार की बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।
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आयुर्वेद के अनुसार ब्लड शुगर में गिलोय का काढ़ा, पाउडर या फिर रस का सेवन किया जा सकता है।गिलोय में प्रचुर मात्रा में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कॉपर, आयरन, फास्फोरस, जिंक,कैल्शियम, मैग्नीशियम के साथ-साथ एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर आदि गुण पाए जाते हैं। इसमें पाया जाने वाला हाइपोग्लाईकैमिक ब्लड शगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन करने की ही सलाह दी जाती है। गिलोय शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा ग्लूकोज को बर्न करने में मदद करता है। इससे ब्लड शुगर का स्तर कम बना रहता हैरोजाना सुबह खाली पेट गिलोय का जूस पी सकते हैं। इसके लिए आप 4-5 पत्ते और थोड़ा सा तना लेकर जूस बना सकते हैं। आप चाहे तो इसमें नीम, सदाबहार, खीरा, टमाटर आदि भी डाल सकते हैं।गिलोय का काढ़ा भी ब्लड शुगर को कम करने में काफी मदद कर सकता है। इसके लिए आप गिलोय का तना लेकर अच्छी तरह से धो कर गर्म पानी में उबाल लें। जब पानी आधा बचे तो गैंस बंद करके इसे ठंडा होने दें फिर इसका सेवन करें। आप चाहे तो गिलोय को टैबलेट के रूप में ले सकत हैं। इसके लिए वैद्य से पूछकर गिलोय वटी खा सकते हैं। थोड़े से गिलोय के तने का रस और बेल के एक पत्ते के साथ थोड़ी सी हल्दी मिलाकर एक चम्मच रस का रोजाना सेवन करना चाहिए।