रायपुर,न्यूज़ धमाका :-हिंदू संवत्सर का दूसरा महीना वैशाख का शुभारंभ 17 अप्रैल से हुआ, जो 16 मई को वैशाख पूर्णिमा तक चलेगा। पूरे वैशाख महीने में दान-पुण्य करने काे विशेष महत्व दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि वैशाख के महीने में जब सूर्य की प्रचंड ऊर्जा से पशु-पक्षी, इंसानों का प्यास के मारे कंठ सूखने लगता है।
तेज धूप से सिर तपता है, नंगे पैर चलना मुश्किल होता है। जिस जातक की कुंडली में शनि, मंगल, राहू-केतु का प्रभाव होता है। ग्रह दशा के प्रभाव के कारण जातक संकट के दाैर से गुजरता है, ऐसे में ग्रह दोषों से छुटकारा पाने के लिए जातक को दान-पुण्य करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार सूर्य, जब मेष राशि में विद्यमान होता है, तब सूर्य का ताप बढ़ने लगता है, गर्मी के मारे सभी जीव-जंतु परेशान होने लगते हैं। ऐसे में धूप, गर्मी से राहत देने वाली वस्तुओं का दान करना चाहिए।
ज्योतिषी गणना के अनुसार वैशाख मास में ग्रहों के राजा सूर्य अपनी उच्च राशि में होते हैं और सूर्य जो है वह मेष राशि में होता है। सूर्य के मेष राशि में होने पर दान करने से ग्रह दोषों का दुष्प्रभाव खत्म होता है। यदि मेहनत करने पर भी सफलता न मिले तो दान करने से भाग्य का उदय होता है।