दंतेवाड़ा,न्यूज़ धमाका :- लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी स्थित जस की तस बनी हुई है। शिक्षा के क्षेत्र में दंतेवाड़ा की बात की जाए तो पहले से काफी सुधार हुआ है, यहां पर स्कूलों की सबसे ज्यादा खराब स्थित जिले के कटेकल्याण ब्लाक की है। जहां आज भी स्कूल झोपडी में चल रहा है।
रसोइया के घर में स्कूल
इसमें टेटम ग्राम पंचायत के नयानार के जोगापारा व छोटे गादम में रसोइयां के घर में स्कूल चलता है। छोटे गादम में स्कूल बना हुआ है पर ये जर्जर है, वहीं जोगापारा में तो स्कूल बना ही नही है। ये दो स्कूल जिले की झोपड़ी वाले स्कूल का तमगा आज भी लगा हुआ है। इन दोनों नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं, जहां पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं है, ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल का पक्का भवन नहीं बन पा रहा तो शेड वाला स्कूल ही शासन बनवा दें।
स्कूलों के मरम्मत पर खर्च नहीं
शिक्षा विभाग स्कूलों के मरम्मत पर खर्च ना करके फिजूल खर्ची पर ध्यान दे रहा है। इसके चलते जहां स्कूल की छत गिर रही है, वहीं दूसरी तरफ झोपड़ी में स्कूल लगाया जा रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग स्कूलों में बच्चों के कसरत करने के लिए जिम बनवा रहा है।
जोगापारा, गादम दोनों स्कूल में शिक्षा विभाग के शिक्षक भी नहीं है, यहां पर अतिथि शिक्षक के भरोसे बच्चों का भविष्य गढ़ने का दावा विभाग कर रहा है। झोपड़ी वाले स्कूलों में विभाग की दूसरी योजना भी दम तोड़ती दिख रही हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों के बैठने के लिए न तो कुर्सी है और ना ही विद्यार्थियों को बैठने के लिए टेबल है। कटेकल्याण ब्लाक में कुल 159 स्कूल हैं, 52 स्कूल ऐसे हैं।