रायगढ़,न्यूज़ धमाका :- विधायक के पुत्र द्वारा आए दिन मारपीट की वारदात और नामजद शिकायत के बाद भी पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करना शहर से लेकर प्रदेश स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ था। विधायक प्रकाश नायक आत्मसमर्पण कराने स्वयं अपने पुत्र रीतिक नायक और अन्य आरोपितों को लेकर सिटी कोतवाली पहुंचे । आरोपित के सत्ता पक्ष के विधायक का पुत्र होने के कारण विपक्षी भाजपा को बैठे-बैठे मुदा मिल गया था। विधायक द्वारा सीधे हस्तक्षेप से मामले में नया मोड़ आ गया है।
पुलिस प्रशासन पर सत्ताधारी दल के दबाव में काम करने का लगाया आरोप
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री व आदिवासी मोर्चा के प्रदेश सह प्रभारी सत्यानंद राठिया ने थाने में घुसकर आदिवासी पुलिसकर्मी की पिटाई के मामले में स्थानीय विधायक प्रकाश नायक के बेटे को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि थाने में घुसकर आतंक मचाने वाले विधायक पुत्र के खिलाफ एसटीएससी एक्ट की धाराएं क्यों नहीं लगाई गई। पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया ने बयान जारी कर कहा था कि पुलिस सत्ता के दबाव में काम कर रही है। पुलिस प्रशासन यह स्पष्ट करें कि इस मामले को किस वजह से सेंसेटिव माना जा रहा है।
केवल एफआईआर दर्ज किये जाने को खाना पूर्ति बताते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रशासन सत्ताधारी दल के दबाव में काम कर रही है। इसके पूर्व भी विधायक पुत्र के द्वारा मारपीट की घटनाएं की जा चुकी है। पुलिस से लगातार मिल रहे सरंक्षण व अभयदान की वजह से विधायक पुत्र ने पुनः थाने में घुसकर ने केवल पीड़ित ट्रक ड्राइवर को पिटाई की बल्कि सरकारी सेवा में कार्यरत आदिवासी पुलिसकर्मी को भी बेरहमी से पीटा।
थाने के अंदर न ही पीड़ित सुरक्षित है न ही पीड़ित व्यक्ति की रक्षा करने वाली पुलिस। बाहर प्रांतों से अपराधियों को पकड़ अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस बताये कि थाने से चंद मीटर दूरी पर स्थित विधायक निवास से विधायक पुत्र को अब तक गिरफ्तार क्यो नही किया गया? विधायक पुत्र की दादागिरी को शहर के अमन चैन के लिए बड़ा खतरा बताते हुए भाजपा वरिष्ठ नेता सत्यानंद राठिया ने कहा कि सत्ता के रसूख के आगे पुलिस नतमस्तक हो गई है।