भिलाई न्यूज़ धमाका /// नगरनिगम में महापौर का पद सामान्य सीट के लिए आरक्षित है। कांग्रेस यहां बहुमत में हैं। लेकिन कांग्रेस में दावेदारों की संख्या बढ़ गई है और सीनियर व जूनियरों में दावेदारी चल रही है। ऐसे में कांग्रेस बहुमत में होने के बाद भी बगावत की आशंका से भयभीत है। वहीं भाजपा के नेता अबतक शांत बैठे है। हालाकि भाजपा यहां वॉक ओवर नहीं देेने की बात कर रहे हैं, लेकिन अबतक भाजपा की ओर से दोवदारों के नाम तक तय नहीं हो पाए हैं। भाजपा अपनी हार से उबर नहीं पाई है।
वहीं भाजपा में एक बार फिर से बड़े नेताओं की गुटभाजी देखने को मिल रही है। जिसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है। लेकिन कांग्रेस में यदि सीनियर के बदले पहली बार के पार्षद को महापौर का प्रत्याशी बनाया गया तो सीनियर बगावत भी कर सकते हैं। वहीं निर्दलीय भी एक जुट हो गए हैं। जो कांग्रेस की पूरी मेहनत पर पानी फेरने और अपनी खुद की सरकार बनाने की रणनीति तैयार कर चुके हैं। अब देखना यह है कि किसके सिर पर महापौर का ताज होगा और कौन सभापति बनेगा।
कांग्रेस ने नर्मिला यादव के समय से मेयर कैंडिडेट्स सरप्राइज करने वाले दिए हैं। देवेंद्र यादव भी छात्र राजनीति से आगे आए। उन्हें सीधे मेयर की टिकट दे दी गई। जबकि नर्मिला यादव के समय भी कई सीनियर्स की टिकट कटी। वही हाल देवेंद्र यादव के समय हुआ था। कांग्रेस लगातार सीनियर्स को साइड कर रही है। इसका नुकसान भी समय-समय पर उठाना पड़ता है। पार्टी में अंदरूनी सेंधमारी लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए इस बार भी सीनियर्स पार्षद या पदाधिकारियों को पार्टी आगे कर सकती है।
- चुनाव हारने के गम में डूबी भाजपा बड़ी मुस्कील से इस गम से उबर पाई है। मतगणना के बाद पहली बार बुधवार को भाजपा की बैठक हुई। बहुत ही निरस मन से भाजपा के नेताओं ने बैठक आयोजित कर महापौर चुनाव में शामिल होने को तैयार हुई। बैठक कर भाजपा के नेता अपने साख बचाने में लगे हुए है और भाजपा के पार्षद कांग्रेस को समर्थन ना दे इसके लिए सभी को एक जुटता का पाठ भी बैठक में पढ़ाया गया। सुपेला भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में राजनांदगांव सांसद व भिलाई पर्यवेक्षक संतोष पांडेय,भूपेश सवन्नी, दुर्ग सांसद विजय बघेल, पूर्व केबिनेट मंत्री पांडेय, राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय सहित भाजपा के सभी जीते हुए पार्षदों बैठक में शामिल हुई। बैठक में सभी पार्षदों को साधने और एक जुट रखने एकजुटता का पाठ पढ़ाया। बैठक में फैसला लिया गया कि भाजपा कांग्रेस को महापौर और सभापति चुनाव में वॉक ओवर नहीं देगी। बल्कि भाजपा चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशी उतारेगी। बैठक में भाजपा की ओर से कौन महापौर हो सकते हैं और कौन सभापति इस विषय पर भी लंगी चर्चा की गई है। हालाकि अभी फाइनल लाइन पार्टी के पदाधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन फिलहाल पूर्व नेताप्रतिपक्ष रिकेश सेन, पूर्व सभापति श्याम सुंदर रॉव, दया सिंह, महेश वर्मा और पीयूष मिश्रा की प्रमुख दावेदार है। इसी में से महापौर और सभापति के लिए दावेदार बनाएं जाएंगे और चुनाव के पहले ही भाजपा अपना पत्ता खोलेंगी।