रायपुर,न्यूज़ धमाका :- छत्तीसगढ़ में गोठान का नाम सुनते ही गोबर और इससे बनाए जाने वाले उत्पादों की तस्वीर ही मन-मतिष्क में उभरती है, लेकिन ऐसा नहीं है। गोठान में नवाचार की कमी नहीं है। राजधानी से 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी के गोठान में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं रंगीन मछलियों का उत्पादन कर रही हैं। इन मछलियों को एक्वेरियम में रखने के लिए खुले बाजार में बेचा जाएगा। इसके साथ ही सरकार के सी-मार्ट में भी इसे बेचने की तैयारी की जा रही है। आर्नामेंटल फिश प्रोडक्शन के लिए सरकार बड़े पैमाने पर सब्सिडी दे रही है। तीन लाख रुपये का यूनिट लगाने पर सामान्य वर्ग को एक लाख 20 हजार और एससी-एसटी वर्ग को एक लाख 80 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है।
ग्रामीण विभाग व मत्स्य विभाग का गोठानों में अपनाने पर जोर
एक्वेरियम में तैरती रंगीन मछलियां घर की रौनक और अधिक बढ़ा देती हैं। मछलियों की जल क्रीड़ा मन को प्रफुल्लित कर देती हैं। इन मछलियों का देश-विदेश में अच्छा-खासा बाजार है, लेकिन इसका उत्पादन बहुत कम है। गोठानों में इसे अपनाने को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा मत्स्य विभाग ने इस बड़े मार्केट से हितग्राहियों को जोड़ने प्रयास तेज कर दिए हैं।