दुर्ग,न्यूज़ धमाका :- जिले के किसानों ने खरीफ सीजन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए समितियों से खाद का अग्रिम उठाव करवाया जा रहा है। लेकिन समितियों में खाद की किल्लत होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है।
कहीं डीएपी, तो कहीं पोटाश और कहीं यूरिया नहीं मिल रहा है। इस वजह से किसान जरूरत के मुताबिक खाद का एकमुश्त उठाव नहीं कर पा रहे हैं।
हर साल खरीफ सीजन में खेती किसानी का काम शुरू होने से पहले सहकारी समितियों के माध्यम से खाद का अग्रिम उठाव के लिए व्यवस्था बनाई जाती है। जिले में खाद का अग्रिम उठाव फरवरी महीने से शुरू हो गया है।लेकिन समितियों में खाद का भंडारण पर्याप्त मात्रा में नहीं होने से किसानों को अग्रिम उठाव को लेकर दिक्कत हो रही है।
जिले के ननकट्ठी समिति में डीएपी और पोटाश तो है लेकिन यूरिया खाद का स्टाक नहीं है। वहीं धमधा ब्लाक के राजपुर सहकारी समिति में किसी भी किस्म का खाद उपलब्ध नहीं है। अप्रैल का महीना बीतने को आया है लेकिन समितियों में खाद भंडारण को लेकर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दुर्ग जिले में 94 सहकारी समितियां है जिसमें से करीब 39 समितियों में डीएपी और 44 समितियों में पोटाश खाद का भंडारण नहीं हुआ है। कुछ समितियों में सिंगल सुपर फास्फेट एवं यूरिया खाद का भंडारण नहीं होना बताया जा रहा है।
1581 टन खाद का आर ओ लंबित
समितियों में भंडारण के लिए 1581 टन खाद का आर ओ लंबित है। जिसमें यूरिया 522 टन,सुपर फास्फेट 307 टन,डीएपी 512 टन एवं पोटाश 240 टन की मात्रा शामिल है। जिले के अधिकांश किसान खरीफ सीजन में धान की बोनी के लिए ज्यादातर डीएपी,पोटाश और यूरिया खाद ही उपयोग में लाते हैं। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष भी जिले में खाद की किल्लत बनी हुई थी।
जिले की समितियों में खाद की कमी है। किसानों को कहीं डीएपी तो कहीं यूरिया तो कहीं पोटाश नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसान अग्रिम उठाव को लेकर परेशान है। अग्रिम उठाव के तहत किसान जरूरत के मुताबिक सभी किस्म के खाद का एकमुश्त उठाव करते हैं।