इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने दिया प्रशिक्षण। पहले चरण में 30 जवानों को मिला किसानों को जैविक खेती सिखाने का मौका।
छत्तीसगढ न्यूज धमाका। कृषि विज्ञानियों द्वारा जवानों को जैविक खेती के गुर सिखाये जा रहे हैं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा सीआरपीएफ के 30 जवानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि जवान जहां भी तैनात हों, वहां के किसानों को जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षित कर सकें।Ads
जैविक खाद बनाने की विधि की जानकारी
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने बताया कि फसल के अलावा जैविक खाद किस तरह से तैयार किया जाता है। उनके बारे में जानकारी दी। इसमें गोबर, पेड़ों के पत्ता को सड़ने, जानवरों के मलमूत्र आदि के मिश्रण की विधि में बारे में जानकारी दी है। साथ ही खेतों में जैविक खाद और कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव कैसे किया जाए समेत फसलों में कीड़े किस तरह के मौसम में लगाते हुए उनको लिखित तौर पर समझाया गया है।
जवानों ने बताया – प्रशिक्षण के दौरान धान, दलहन, तिलहन, वेजिटेबल कल्टीवेशन, रूफटॉप बागवानी, आवांछित घास से पौधे की सुरक्षा, कीट-पतंगों से कंट्रोल और फलदार पौधे लगाने की नई तकनीक का लिखित और प्रायोगिक जानकारी दी गई।
वहीं, जवानों का कहना है – सेवा के दौरान किसानों को जानकारी देंगे। साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। इससे भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे जैविक खेती अभियान को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
सेवानिवृत्ति के बाद जवानों को भी होगा फायदा
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे निश्चित तौर पर जवान के साथ किसानों को काफी फायदा होगा। अभी हमारे जवान बस्तर जैसे नक्सली क्षेत्र में सेवा देते है। वहां किसानों को जैविक खेती के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसे में जवान सेवा के दौरान उनको भी जैविक खेती के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे उनके फायदे होंगे साथ ही जवानों को सेवानिवृत्ति के बाद काफी फायदा होगा।
जवानों में हर चीज को सीखन की थी ललक
सीआरपीएफ के जवानों को फलों, फूलों के लिए खरपतवार, रोपण, देखभाल, फल, सब्जी के लिए पोषक तत्व, फलों का रोग, कीट प्रबंधन समेत अन्य चीजों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस दौरान जवानों का उत्साह देखने को मिला। जवान खेती किसानी के हर चीज को सीखने की ललक दिखाई है और हामी भरी। इस मौके पर सभी जवानों को प्रमाण पत्र भी दिया गया।