
बीते तीन दिनों से प्रदेश के साथ ही जिले के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं तेज तो कहीं रुक रुक बारिश हो रही है। विलंब से पकने वाले धान की फसल की कटाई भी किसानों ने शुरू कर दी है। पफसल कटाई के वक्त बारिश होने के कारण धान की बालियों को भारी नुकसान पहुंचा था। जिन इलाकों में तेज बारिश हुई है खेतों में पानी भरने या खेत की मिट्टी गीली होने के कारण कटाई के लिए किसानों को और इंतजार करना पड़ेगा।
जिले के बिल्हा,कोटा,मस्तूरी व तखतपुर ब्लाक के अधिकांश गांवों में बीते दो दिनों से खराब मौसम के कारण बारिश हुई है। मस्तूरी ब्लाक के ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश के कारण खेतों में पानी का जमाव हो गया हैै। खेत की मिट्टी गीली होने के कारण कटाई में विलंब हो गया है।ग्रामीण इलाकों में किसानों ने खेती का तरीका बदल दिया है।
श्रमिकों की कमी के कारण किसान अब आधुनिक खेती पर भरोसा करने लगा है। यही कारण है कि किसान धान की कटाई व मिसाई हार्वेस्टर से ही करते हैं। बेमौसम बारिश के कारण खेत की मिट्टी गीली हो गई है। हार्वेस्टर खेत में जा नहीं सकता। कटाई में जैसे—जैसे विलंब होगा,किसानों को उतना ज्यादा नुकसान उठाना पडेगा। बारिश के बाद जैसे ही मौसम खुलेगा और धूप निकलेगी धान की बाली झडने लगेगी। समर्थन मूल्य पर धान बेचने में भी विलंब होगा। बीते वर्ष की तरह बारदाना संकट गहराया तो और भी मुश्किल हो जाएगा।