रायपुर,न्यूज़ धमाका :- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय अखिल भारतीय जनजातीय साहित्य समारोह, राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव एवं राज्य स्तरीय जनजातीय कला एवं चित्रकला स्पर्धा का आयोजन किया जाना है। आदिवासियों के सांस्कृतिक विकास और संवर्धन के लिए यह आयोजन राजधानी रायपुर में 11 से 13 अप्रैल तक किया जाएगा। आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक शम्मी आबिदी ने इन तीनों कार्यक्रमों की तैयारी के संबंध में गठित समितियों के पदाधिकारियों और अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
राज्य स्तरीय जनजाति कला एवं चित्रकला स्पर्धा के अंतर्गत विभिन्न जनजातीय कलाओं एवं चित्रकला में अभिरूचि रखने वाले प्रबुद्ध लोगों के मध्य स्पर्धा का आयोजन किया जाना है। जनजातीय चित्रकला स्पर्धा चार वर्गों में – 6 से 12 वर्ष, 12 से 18 वर्ष, 18 से 30 वर्ष और 30 वर्ष से अधिक वर्ग समूह के मध्य किया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा जनजातीय कला एवं चित्रकला स्पर्धा की प्रदर्शनी भी लगाए जाने के निर्देश बैठक में संबंधितों को दिए गए।
अखिल भारतीय जनजातीय साहित्य समारोह के अंतर्गत कुल 10 विषयों-जनजातीय साहित्य कल आज और कल, जनजातीय परंपरा एवं संस्कृति, जनजातीय कला में गोदना, बांस शिल्प, काष्ठ शिल्प, धातु शिल्प आदि, जनजातीय भाषा-बोली, जनजातीय लोक नृत्य एवं लोकगीत, जनजातीय साहित्य में महिलाओं की भूमिका, जनजातीय विकास और समस्या, जनजातीय लोकोक्तियां, मुहावरें, लोककथाएं एवं पहेलियां आदि, जनजातीय संघर्ष एवं स्वतंत्रता संग्राम में जनजातियों की भूमिका आदि विषय से संबंधित शोध पत्रों पर आधारित स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा।
इसमें छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख आदिवासी लेखकों द्वारा लिखित साहित्यिक रचनाओं के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के लेखकों को भी शामिल किया जाएगा। जनजातीय साहित्य पर लिखी गई विभिन्न प्रकाशकों की किताबों की प्रदर्शनी भी तीन दिवसीय समारोह में लगाने के निर्देश बैठक में दिए गए, ताकि ज्यादा से ज्यादा जनजातीय साहित्य का प्रचार-प्रसार किया जा सके।
नृत्य महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न विधावार आदिवासी नृत्यों की संभाग स्तर पर स्पर्धा आयोजित कर नर्तक दलों का चयन किया जाएगा, ताकि राज्य स्तरीय स्पर्धा में छत्तीसगढ़ की जनजातियों की सभी विधाओं को प्रस्तुत किया जा सके।