रायपुर न्यूज़ धमाका // महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत दिहाड़ी मजदूरी कर रहे मजदूर ने जिंदगी की नई राह पकड़ी है। कौशल प्रशिक्षण के बाद कई मजदूरों ने खुद का व्यवसाय शुरू किया है। छत्तीसगढ़ के ऐसे छह मजदूरों को केंद्र सरकार सम्मानित करने जा रही है। नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 24 मार्च को आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह इन मजदूरों को सम्मानित करने वाले हैं।
अधिकारियों ने बताया, जिन लोगों को इस सम्मान के लिए चुना गया है, उसमें धमतरी जिले की भनपुरी पंचायत निवासी नीतू बाई साहू भी एक हैं। कभी मनरेगा में मजदूरी करने वाली नीतू ने प्रशिक्षण के बाद मशरूम उत्पादन शुरू किया है। धमतरी की ही सारंगपुरी पंचायत निवासी फूलवंती कंवर ने अब मोमबत्ती बनाकर जीविका का नया साधन खड़ा कर लिया है।
धमतरी की नीतू बाई अब मशरूम उगा रही हैं।
फूलवंती कंवर ने डिजाइनर मोमबत्ती बनाने का कारोबार शुरू किया है।
गरियाबंद जिले के लोहरसी गांव की गीतांजली ध्रुव और पतोरा की ओमेश्वरी कंवर ने सिलाई का काम शुरू किया है। वहीं कोरिया के पोड़ी गांव निवासी कृष्ण कुमार ने अपना बकरी फार्म तैयार किया है।
गीतांजली ध्रुव को प्रशिक्षण के बाद कपड़ों की सिलाई का काम मिल गया है।
गरियाबंद की ओमेश्वरी कंवर ने भी सिलाई का काम शुरू किया है।
महासमुंद के दुर्गापाली निवासी बिमल साव ने प्रशिक्षण के बाद मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोली है। अधिकारियों ने बताया, इन मजदूरों को प्रोजेक्ट उन्नति के तहत विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित किया गया था। इसके लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों में व्यवस्था की गई है।
अपनी बकरियों के साथ कोरिया के कृष्णा।
महासमुंद के विमल ने प्रशिक्षण के बाद मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोल ली है।
क्या है प्रोजेक्ट उन्नति
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मनरेगा डिवीजन का एक कार्यक्रम है। इसको मनरेगा में काम कर रहे ग्रामीण परिवारों के सदस्यों को उनकी रूचि के आधार पर प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के काबिल बनाने के लिए शुरू किया गया था। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले परिवार के किसी एक सदस्य को जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच है, उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है।