- बहन और दो भांजों के कातिल को सजा दिलाने की कसम खाने वाले भाई ने हत्यारे उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद घर में दिवाली मनाने का फैसला लिया है। दस साल बाद ही वह भाई दूज और रक्षाबंधन भी मनाएंगे।
मेरठ न्यूज़ धमाका /// इंसाफ के लिए एक भाई की जंग की अनोखी कहानी है। बहन और दो भांजों के कातिल को सजा दिलाने की कसम खाने वाले भाई ने हत्यारे को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद घर में दीपावली मनाने का फैसला लिया है। दस साल बाद ही वह भाई दूज और रक्षाबंधन भी मनाएंगे।मेरठ के भाकियू नेता बबलू जिटौली की बहन बबीता और दो भांजों विक्रांत और विपुल की 25 सितंबर 2011 को मंसूरपुर में हत्या कर दी गई थी। बबलू बताते हैं कि रिश्तों का कत्ल करते हुए उनकी बहन के देवर ने ही हत्याकांड को अंजाम दिया।दस साल से वह इंसाफ के लिए लगातार पैरवी कर रहे थे। तभी से घर में होली मनी न ही दीपावली। हर रक्षाबंधन बाकी दो बहनें मिलने आती थीं, पर राखी नहीं बांधती थीं। तीनों भाई बहनों को बबीता के कातिल को सजा का ही इंतजार था। शनिवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला आया तो सोंटा निवासी बबीता के देवर दानपाल राठी को उम्रकैद की सजा हुई। दानपाल की पत्नी सुषमा साक्ष्यों के अभाव में बरी हो गई।
मायके में हुआ था बबीता का अंतिम संस्कार
बबलू ने बहन बबीता और दोनों भांजों का अंतिम संस्कार भी अपने गांव जाटौली में ही लाकर किया था। बबलू बताते हैं कि आरोपी ने कई बार उन्हें जान से मारने की धमकी दिलाई। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा था कि एक दिन इंसाफ जरूर मिलेगा।भावुक हुए बबलू ने कहा कि अब उनकी बहन और भांजों की आत्मा को शांति मिलेगी। उनके दिल को भी अब सुकून मिला है। अगर हत्यारा कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगा, तो वहां भी अपनी बहन की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ेंगे। सुषमा को बरी किए जाने के खिलाफ भी वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे।