कलेक्टर द्वारा बैंक मैनेजरों को लगाई गई फटकार और थाने में बंद कराने के लिए बुलाई गई पुलिस का असर गुरुनानक जयंती पर अवकाश के दिन देखने को मिला। अवकाश के दिन बैंक अधिकारियों ने बैंकों को खोला और एक ही दिन में 2200 पीएम स्वनिधि योजना के लोनों का वितरण किया। इस दौरान कुछ बैंक मैनेजरों ने गड़बड़ी की और हितग्रहियों के साथ अभद्र व्यवहार किया। ऐसा ही एक मामला मयूर मार्केट थाटीपुर स्थित भारतीय स्टेट बैंक में देखने को मिला। इसमें सिटी सेंटर में सब्जी का ठेला लगाने वाले हितग्राही को पहले बैंक अधिकारी ने बाहर भगा दिया। इसके बाद हितग्राही थाने पहुंचा तो बैंक अधिकारी के खिलाफ एफआइआर कराने के लिए कहा। यह बात बैंक मैनेजर को पता चली तो उन्होंने किसी प्रकार मानमनोबल कर हितग्राही को वापस बुलाया और फिर लोन स्वीकृत किया। इसके बाद वे बैंक के बाहर तक छोड़ने के लिए भी आए।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत पेंडिंग 13000 आवेदनों के लोन स्वीकृत नहीं करने पर गुरुवार को कलेक्ट्रेट में बैंक मैनेजरों को फटकार लगाई थी। इसके साथ ही बैंक मैनेजरों को थाने भेजने के लिए पुलिस बल भी बुला लिया था। इसके बाद सभी ने कहा था कि वह छुट्टी वाले दिन बैंक खोलकर लोन स्वीकृत कर देंगे। यही कारण रहा कि शुक्रवार को अवकाश के दिन बैंक खोली गईं, लेकिन इसके बाद भी कई हितग्रहियों को परेशान किया गया। स्टेट बैंक की ब्रांच में अतुल खरे जो कि सिटी सेंटर पर सब्जी का ठेला लगाता है वह दस हजार रुपये के लोन के लिए बैंक पहुंचा। वहां पर बैंक अधिकारी ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और उसे भगा दिया। इससे नाराज होकर वह सीधे थाटीपुर थाने पहुंचा। साथ ही उसने यह पूरा वाक्या निगम और प्रशासनिक अधिकारियों को भी बताया। थाने में बैंक अधिकारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की तैयारी होने लगी। इसकी जानकारी मिलने पर अतुल खरे को हाथ जोड़कर किसी तरह वापस बुलाया और उसका लोन स्वीकृत किया।
110 लोगों का स्टाफ लगा था लोगों को भेजने मेंः कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने लोन नहीं होने पर अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता को टारगेट दिया था। इसके बाद शुक्रवार को नगर निगम में राजस्व व क्षेत्रीय कार्यालयों का करीब 110 लोगों का स्टाफ सुबह से फोन कर लोगों को भेजने में जुटा था। शुक्रवार को इन लोगों ने करीब छह हजार लोगों को फोन किए।
छह माह का काम निपटाया एक दिन में: अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 तक बैंकों ने मात्र 1948 लोगों के लोन सेंशन किए थे, लेकिन कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की एक फटकार के बाद एक ही दिन में देर शाम तक 2200 लोन स्वीकृत कर दिए गए।