ग्वालियर,न्यूज़ धमाका :-भीषण गर्मी से तप रहे ग्वालियर-चंबल के किसानों की उम्मीदें जलकर खाक हो रही हैं। किसानों की मानें तो ग्वालियर जिले में करीब 2000 हजार बीघा में तो अन्य चार जिलों में 2250 बीघा की फसल को नुकसान हुआ है। दो दिन पहले भितरवार में हुई अग्निकांड की घटना के बाद प्रशासन ने प्राथमिक सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है। प्रशासन के अनुसार 1300 बीघा में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है।
पिछले तीन दिनों में ग्वालियर के भितरवार, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया में कई स्थानों पर अलग-अलग कारणों से खेतों में कटने को तैयार खड़ी करीब साढ़े चार हजार बीघा फसल जल गई। इससे किसानों को 18 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।
जिसमें 199 किसान प्रभावित हुए हैं। इन सभी के खातों में 70 लाख रुपये की राशि अगले तीन चार दिनों में पहुंचा दी जाएगी। वहीं मुरैना, भिंड, श्योपुर और शिवपुरी में अब तक 2250 बीघा से ज्यादा खेतों की फसल जलकर खाक हो चुकी है। इससे किसानों को 9 करोड़ 40 लाख रुपये का नुकसान का अनुमान है।
रविवार को मुरैना जिले के रिठौरा क्षेत्र में आग से 800 बीघा गेहूं की पकी हुई फसल जलकर राख हो गई। कुछ ग्रामीणों का कहना है, कि फसल काट रहे किसी मजदूर ने सुलगती बीड़ी फेंकी, जिससे सूखी फसल में आग बेकाबू हो गई। वहीं कुछ किसानों का कहना है, भिंड जिले के कंचनपुर गांव में फसल काट रही हार्वेस्टर मशीन का एक हिस्सा चलते समय पत्थर से टकरा गया, जिससे उठी चिंगारी से खेतों में आग भड़क गई थी।
इसी तरह भिंड जिले में 800 बीघा से ज्यादा की फसल जलकर खाक हो चुकी है। शिवपुरी और श्योपुर जिले में भी 300 बीघा से ज्यादा गेहूं की फसल जलकर स्वाहा हो चुकी है। आगजनी के अधिकांश हादसे बिजली तारों में फाल्ट होने, खेतों में बीड़ी फेंकने जैसी लापरवाही से हो रही हैं। गेहूं की पकी हुई फसल, हल्की सी चिंगारी से भीषण आग पकड़ लेती है। इसीलिए इस सीजन में ग्रामीण खासकर खेतों के ऊपर से निकली बिजली लाइनों से बिजली सप्लाई बंद रखने के निर्देश होते हैं, पर इनका पालन नहीं हो रहा। आगजनी की कई घटनाएं बिजली लाइनों में फाल्ट के कारण हुई हैं।