गुना,न्यूज़ धमाका : –एमपी के गुना के आरोन थानाक्षेत्र में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात पुलिस और शिकारियों के बीच मुठभेड़ में एक एसआइ सहित तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस पर थाने से एसआइ राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीना सहित सात लोग दो चारपहिया और एक बाइक से जंगल की ओर रवाना हुए। इस दौरान पुलिस ने चार मोटरसाइकिल से आए दो-तीन शिकारियों को पकड़ लिया। लेकिन तभी पीछे से आए शिकारियों के अन्य साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात करीब साढ़े बारह बजे आरोन थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि शहरोक गांव की पुलिया से आगे मौनवाड़ा के जंगल में शिकारियों द्वारा ब्लैक बग हिरण और मोर का शिकार किया गया है।
इसमें तीन पुलिसकर्मियों में से सभी सात से आठ गोलियां लगने से मौके पर मौत हो गई, जबकि अन्य भाग निकले। सरकार की ओर से बलिदानी पुलिसकर्मियों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।
मुठभेड़ में उपनिरीक्षक राजकुमार जाटव, नीरज भार्गव और संतराम की मौत हो गई हैं। वहीं सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से से हिरण, मोर के शव भी बरामद किए हैं। जबकि आरोपित फरार हो गए हैं। इधर, अभी कोई पुलिस अधिकारी ज्यादा कुछ जानकारी देने से बचते नजर आ रहे हैं। मुठभेड़ में बलिदान हुए उपनिरीक्षक राजकुमार जाटव मूलत: अशोकनगर जिले के रहने वाले थे।
सीएम शिवराज ने बुलाई उच्चस्तरीय बैठक
गुना में शिकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 9:30 बजे आपात उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अलावा सीएस, डीजीपी, एडीजी, पीएस गृह सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। डीजीपी और गुना प्रशासन के बड़े अधिकारी बैठक से वर्चुअली जुड़े।
गोविंद सिंह ने की गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग
इस प्रकरण को लेकर सियासत भी गर्मानेे लगी है। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह बोले- गुना की घटना दुःखद है। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश में क़ानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वह पुलिस को ही नहीं छोड़ रहे। गुना की घटना के बाद गृह मंत्री को अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।