राजनांदगांव न्यूज़ धमाका /// सीतागांव को ब्लॉक मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर 80 गांव के हजारों आदिवासी ग्रामीणों ने कड़कड़ाती ठंड में अंगीठी के अलाव के बीच दो दिनों से दिन-रात राजनांदगांव-चंद्रपुर हाईवे को जाम कर रखा है। प्रदर्शनकारियों की एक सूत्रीय मांग है कि सीतागांव को तहसील का दर्जा मिले या पूरा पट्टी मानपुर मे ही रहेगा।
जनांदगांव से अलग होकर जिला के अस्तित्व में पहुंचने वाले मोहला, मानपुर, अंबागढ़ चौकी नया जिला के औंधी को तहसील मुख्यालय बनाए जाने की खबरों के बाद सीतागांव को ब्लॉक मुख्यालय का दर्जा को लेकर कोहराम मचा हुआ है। 80 गांव के महिला पुरुष युवक हजारों की तादाद में राजनांदगांव-चंद्रपुर हाईवे के कोहका मे सोमवार 12: बजे से कड़कड़ाती ठंड में दिन और रात हाईवे जाम कर रखा है।
आंदोलनकारियों की एक ही मांग है कि सीतागांव को तहसील बनाया जाए या सीतागांव सेक्टर के तमाम 80 गांव मानपुर तहसील में दर्ज रहे। आज दूसरे दिन सुबह से ही हाईवे जाम कर आंदोलनकारी एक ही मांग पर खबर लिखे जाने तक डटे रहे।
इधर प्रशासनिक अमले के साथ-साथ पुलिस महकमा स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव इंद्र शाह मंडावी के आश्वासन को लेकर प्रदर्शनकारियों को देर शाम तक समझाने का प्रयास करते रहे, परंतु विधायक के उत्तर प्रदेश में होने के कारण कोई ठोस पहल नहीं हो पाई। इधर अघोषित आंदोलन से हाईवे में सैकड़ों गाड़ियों की दोनों ओर से कतारें लग गई हैं। जिसके चलते मालवाहक यात्री बसों व अन्य वाहनों में सवार लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सीतागांव को ब्लॉक मुख्यालय के दर्जा दिलाने को लेकर 2012 से 80 गांव के ग्रामीण लगातार संघर्षरत हैं। ऐसे वक्त में औंधी को तहसील मुख्यालय बनाए जाने और सीतागांव क्षेत्र को जोड़ने की खबरें के बाद आंदोलन और उग्र हो गया है।
13 ग्राम पंचायतों के 80 गांव के महिला पुरुष ग्रामीणों ने आंदोलन स्थल पर अवगत कराया कि सीतागांव क्षेत्र से औंधी की दूरी 35 किलोमीटर है इधर मानपुर 12 किलोमीटर है। औंधी ब्लॉक मुख्यालय में उन्हें जोड़ने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा जो पीड़ादायक है, जिसके लिए वे तैयार नहीं है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि सोमवार रात आंदोलन को लीड कर रहे हैं 3 प्रमुखों को पुलिस के द्वारा उठाए जाने और रात को तैयार हो रहे भोजन व्यवस्था को तहस-नहस करने के बाद आंदोलन और उग्र हो गया। दिनभर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी आंदोलनकारियों से दूरी बनाए रखे थे।