ग्वालियर न्यूज़ धमाका // नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 में ग्वालियर की रिपोर्ट में आए डाटा का अध्ययन पूरा होने के बाद ग्वालियर पहले नंबर पर आया है। अब कुपोषण को रोकने के लिए मजबूत प्लानिंग की जाएगी। इसको लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह ने तैयारी शुरू कर दी है। ग्वालियर में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या में सबसे ज्यादा गिरावट देश में ग्वालियर में दर्ज की गई है। एनएचएफएस की रिपोर्ट में देश में कुपेाषण बढा़ है और मप्र में दो प्रतिशत से ज्यादा कम हुआ है।
ग्वालियर अकेला ऐसा जिला है, जहां पांच गुना ज्यादा कुपोषण का स्तर कम हुआ है। यह पिछले एनएफएचएस के सर्वे में 11 प्रतिशत से ज्यादा था, जो अब दो प्रतिशत के लगभग ही रह गया है। इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट किया था। वहीं कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भी जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह व उनकी टीम को शाबासी दी। ज्ञात रहे कि 27 नवंबर को नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट जारी की गई थी। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (एनएफएचएस) की ग्वालियर जिले की रिपोर्ट में अच्छे संकेत आए। इसमें एनएफएचएस का 2015-16 के सर्वे का तुलात्मक अध्ययन शामिल किया गया है। ग्वालियर में जन्म के समय लिंगानुपात का ग्राफ गिरा है, पांच साल पहले जहां जन्म के समय 1000 बेटों पर 858 बेटियां थीं, वह घटकर अब 753 हो गई हैं। सामान्य लिंगानुपात में सुधार दिखा है, जो 887 से 902 हो गया है। बाल विवाह के मामलों में दस प्रतिशत की कमी आई है। 2015-16 के सर्वे में यह 21 प्रतिशत था।
इसमें परिवारों की जनसंख्या और प्रोफाइल, महिला शिक्षा, बालिका शिक्षा, विवाह, परिवारों की योजना, फैमिली प्लानिंग की सर्विसेस, प्रसूता और शिशु स्वास्थ्य, डिलीवरी केयर, अति कुपोषित बच्चे,बच्चों का टीकाकरण व उपचार, शिशु को मां का दूध पिलाने की स्थिति,महिलाओं और बच्चों में खून की कमी, महिला एवं पुरुषों में ब्लड शुगर और हाइपरटेंशन की स्थिति सहित आदि कई बिंदुओं को शामिल किया गया है।
एनएचएफएस की रिपोर्ट के डाटा अध्ययन के बाद ग्वालियर में सबसे ज्यादा गिरावट कुपोषण में दर्ज हुई है, यह बड़ी उपलब्धि है। जिले में नौ प्रतिशत से ज्यादा कमी आई है। इसको लेकर ग्वालियर की सराहना भी हुई है। कुपोषण की रोकथाम को लेकर अभियान के रूप में काम किया गया।