
रायपुर न्यूज धमाका – छत्तीसगढ़ की राजनीति और व्यापारिक जगत में हलचल मचाने वाले बहुचर्चित ठगी के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले केके श्रीवास्तव को रायपुर पुलिस और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की संयुक्त टीम ने भोपाल के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया है। वे 10 माह से फरार थे और 50 करोड़ से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई गंभीर मामलों में वांटेड थे।
ठेका दिलाने के नाम पर की गई ठगी
पुलिस के अनुसार, तेलीबांधा थाना में दर्ज एफआईआर के मुताबिक केके श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव ने वर्ष 2023 में दिल्ली की कंपनी रावत एसोसिएट्स के मालिक अर्जुन रावत को रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपए का ठेका दिलाने का झांसा दिया था। इसके एवज में केके ने रावत से 15 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में प्राप्त किए, लेकिन वादा पूरा नहीं किया।
केके ने रावत की मुलाकात प्रदेश के एक बड़े राजनेता से भी करवाई थी, जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि श्रीवास्तव जो कह रहे हैं, वह वैसा ही करेंगे। लेकिन बाद में जब काम नहीं हुआ और रावत ने पैसे लौटाने की मांग की, तो उन्हें बाउंस हुए चेक पकड़ा दिए गए।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
जांच में पता चला है कि जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए, वे जोमैटो और स्विगी डिलीवरी बॉयज के नाम पर हैं। यानी करोड़ों रुपए ऐसे लोगों के खातों में ट्रांसफर हुए, जिनका मामले से कोई लेना-देना नहीं था। इससे यह संकेत मिला कि पूरी ठगी को योजनाबद्ध ढंग से अंजाम दिया गया।
ईडी और EOW भी सक्रिय
केके श्रीवास्तव के खिलाफ ईडी ने 50 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। ईडी के अलावा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) भी इस मामले में स्वतंत्र जांच कर रहा था। रायपुर पुलिस और EOW की संयुक्त टीम ने भोपाल के एमराल्ड होटल से श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया और उन्हें रायपुर लाया गया है।
कई बार जमानत याचिका खारिज
गिरफ्तारी से बचने के लिए केके श्रीवास्तव और उनके बेटे ने पहले जिला अदालत, फिर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, लेकिन दोनों ही जगहों से याचिका खारिज हो चुकी थी।
कौन हैं केके श्रीवास्तव?
केके श्रीवास्तव बिलासपुर निवासी व्यापारी होने के साथ-साथ एक तांत्रिक भी हैं। वे लंबे समय तक प्रदेश की सत्ता के उच्च पदों से जुड़े लोगों के करीब माने जाते रहे हैं। कहा जाता है कि प्रदेश के कई बड़े नेताओं के लिए तांत्रिक अनुष्ठान भी करते थे।