रायपुर,न्यूज़ धमाका :- देशभर से आदिवासियों के विकास का जनजातीय संस्कृति पर लिखने वाले अनेक साहित्यकार रायपुर पहुंचे हैं। 10 राज्यों के विद्वानों का संगम में खुलेगा जनजातियाें के विकास का रास्ता। छत्तीसगढ़ में जनजातियों के समग्र विकास के लिए प्रदेश सरकार ने जनजातीय साहित्य महोत्सव आयोजित किया है। तीन दिवसीय इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ समेत झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मेघालय, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, अरुणांचल प्रदेश और कर्नाटक से विद्वान एवं प्रतिष्ठित साहित्यकार जानकारी देंगे।
80 शोधपत्र, 28 प्रोफेसरों के अनुसंधान, 74 रचनाकारों के साहित्य पढ़े जाएंगे
जनजातीय साहित्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे शोधार्थियों, साहित्यकारों, रचनाकारों को मंच प्रदान कर जनजातीय साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के यह महोत्सव किया जा रहा है। इसमें जनजातियों के विकास संबंधित 80 शोधपत्र, 28 प्रोफेसरों के अनुसंधान, 74 रचनाकारों के साहित्य पढ़े जाएंगे।
इसमें जनजातीय साहित भाषा विज्ञान और अनुवाद, जनजातीय साहित्य में जनजातीय अस्मिता और जनजातीय साहित्य में जनजातीय जीवन का चित्रण, जनजातीय समाजों की वाचिक परंपरा की प्रासंगिकता, जनजातीय साहित्य में अनेकता और चुनौतियां ,जनजातीय साहित्य में लिंग संबंध मुद्दे, जनजातीय कला साहित्य, जनजातीय साहित्य में सामाजिक-सांस्कृतिक संघर्ष जनजातीय साहित्य मुद्दे, चुनौतियां एवं संभावना विषय पर शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।