
रायपुर न्यूज़ धमाका /// आज पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. बृजमोहन अग्रवाल ने ‘सरगुजा घटना’ को लेकर कहा कि ये घटना दुर्भाग्यजनक है. सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. तुष्टिकरण की राजनीति के चलते ही सरगुजा में ऐसी घटना घटी. अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तो लोगों का गुस्सा इसी प्रकार प्रदर्शित होगा.
इन दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. यह वीडियो सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक में कुंदीकला का बताया जा रहा है. यहां पर ग्रामीण एक समुदाय विशेष के पूर्ण सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार का संकल्प लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. किसी भी तरह से उनके साथ शामिल नहीं होने का संकल्प लेते दिख रहे हैं.
ग्रामीणों को बाकायदा लाउडस्पीकर के माध्यम से एक प्रतिज्ञा लेते हुए दिखाया गया है कि वे उस समुदाय का बहिष्कार करते हैं. सभी वाणिज्य लेनदेन को समाप्त कर देंगे जिसमें उनकी जमीन को पट्टे पर देना, लीज पर देना भी शामिल है. साथ ही यह भी कहा गया कि कोई भी हिंदू, उस समुदाय के लोगों के घर में काम नहीं करेगा, अपनी जमीन उन्हें खेती-बाड़ी के लिए भी नहीं देगा.
पूरा मामला : सरगुजा जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक घटना सामने आई थी. जहां दूसरे गांव से पिकनिक मनाने के लिए आए लोगों ने गांव के एक घर में घुसकर मारपीट करने कर दी. इस मामले में आरोपियों पर कड़ी धाराएं नहीं लगाने और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए दो सौ के करीब ग्रामीणों ने लुण्ड्रा थाने का घेराव कर जमकर नारेबाजी की थी. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार लुण्ड्रा थाना अंतर्गत ग्राम कुंदीकला में पड़ोसी ग्राम आरा से कुछ लोग नये वर्ष के दिन 1 जनवरी को पिकनिक मनाने के लिए आए थे. इस दौरान वहां के एक स्थानीय व्यक्ति से विवाद के बाद दूसरे गांव के लोगों ने ग्रामीण के घर में घुसकर मारपीट कर दी थी. इस दौरान घर में रहने वाली युवती से भी मारपीट की गई.
आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने साधारण धाराओं में अपराध दर्ज किया था. जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया. जहां से आरोपियों को जमानत मिल गई. इसके बाद घर पहुंचे आरोपियों ने पटाखे फोड़कर खुशियां मनाई. इस बात की जानकारी मिलने पर कुंदीकला के ग्रामीण नाराज हो गए और पुलिस पर मामले में आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव कर दिया था.
घेराव करने आए ग्रामीणों का कहना था कि पीड़ित पक्ष आदिवासी समुदाय से है, ऐसे में पुलिस को इस मामले में एसटी/एससी एक्ट के तहत भी धाराएं लगानी थीं. परन्तु पुलिस की ओर से मामले को जानबूझकर हल्का बनाए जाने के कारण आरोपियों को तत्काल जमानत मिल गई और वे खुशियां मनाने लगे. वहीं पुलिस की समझाइश के बाद आंदोलनकारियों ने विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया था. जबकि 10 दिनों के भीतर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
इस मामले में सरगुजा एएसपी विवेक शुक्ला का कहना था कि मामले में विधि सम्मत कार्रवाई हुई है और न्यायालय से जमानत देना या ना देना पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है. वहीं प्रार्थी पक्ष ने जो रिपोर्ट दर्ज कराई थी उसके अनुसार ही धाराएं लगाई गई हैं. हालांकि मामले को तूल पकड़ता देख लुंड्रा पुलिस ने कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी की है और न्यायालय रिमांड पर भेज दिया है. बहरहाल एक तरफ सामाजिक बहिष्कार का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है और यह वीडियो यदि सही है तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन है.
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. पीएम की सुरक्षा में चूक के मुद्दे को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को गंभीर होना चाहिए. इनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष चिंता जाहिर करती हैं यह सोनिया गांधी से बड़े हैं क्या. बीजेपी कभी दिखावे की राजनीति नहीं करती. कांग्रेस की हरकतों को पूरा देश देख रहा है. क्या पीएम के जान की सुरक्षा गंभीर विषय नहीं है. छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्य का विषय है मुख्यमंत्री बचकाना बात करते हैं.
छत्तीसगढ़ के सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है. कानून व्यवस्था किसकी जिम्मेदारी है. किसानों के मुद्दे को लेकर यूपी लखीमपुर पहुंच जाते हैं लेकिन अपने छत्तीसगढ़ के मुद्दों पर ध्यान नहीं देना इनकी असलियत को बताता है. नया रायपुर में किसान धरने पर बैठे हैं, यूपी में अगर न्याय मिल गया हो तो एक बार इधर भी ध्यान दे दें. नया रायपुर में किसान आंदोलन को लेकर कहा कि ये सरकार के मुंह पर तमाचा है. छत्तीसगढ़ में लॉ एंड ऑर्डर की समस्या खड़ी होगी.