
रायपुर न्यूज धमाका – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में आयोजित “फाइट अगेंस्ट ग्लोबल वार्मिंग” अभियान में शिरकत की। उन्होंने कहा, “आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की गंभीर चुनौती से जूझ रही है। इस संकट का समाधान केवल सरकार की नहीं, बल्कि समाज की साझी जिम्मेदारी है।”
पर्यावरण संरक्षण: सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रीन एनर्जी, वृक्षारोपण, और जन-जागरूकता को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा:
“राज्य की नई औद्योगिक नीति के तहत सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। विगत वर्ष चार करोड़ पौधे रोपे गए और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ तथा ‘पीपल फॉर पीपुल’ जैसे नवाचार कार्यक्रमों को और विस्तार दिया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रही है।
शिक्षा और विकास: पर्यावरण का पूरक
मुख्यमंत्री साय ने शिक्षा को विकास का मूलमंत्र बताते हुए कहा कि IIT, IIM और AIIMS जैसे संस्थान राज्य में संचालित होकर विकास की नींव को मजबूत कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा:
“देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य में हमारी भागीदारी जरूरी है। राज्य सरकार का ‘विकसित छत्तीसगढ़’ विज़न डॉक्यूमेंट उसी दिशा में बढ़ाया गया एक प्रयास है।”
बच्चों में जागरूकता ज़रूरी
मुख्यमंत्री ने नौनिहालों में पर्यावरण चेतना के विकास की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित भविष्य के लिए यह जरूरी है। उन्होंने अभियान में भाग लेने वाले शिक्षकों और आयोजकों को साधुवाद दिया।
इस अवसर पर 11 लाख पीपल के वृक्षारोपण के संकल्प को भी उन्होंने सराहा।
कार्यक्रम में प्रमुख लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम का आयोजन अशासकीय विद्यालय संचालक संघ और गौ संरक्षण एवं संवर्धन समिति के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। प्रमुख उपस्थिति में थे:
- डॉ. गिरीश चंदेल – कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय
- सुबोध राठी – अध्यक्ष, अशासकीय विद्यालय संचालक संघ
- मनोज पाण्डेय – सचिव
- अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि व पर्यावरण कार्यकर्ता
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल केवल राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश को पर्यावरणीय चुनौतियों से लड़ने में प्रेरित कर सकती है। मुख्यमंत्री साय का यह संदेश स्पष्ट था — “जब समाज साथ चलता है, तब विकास भी टिकाऊ होता है और पर्यावरण भी सुरक्षित।”