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कैट ने जीएसटी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का किया स्वागत लेकिन कहा कि इससे बड़ी भ्रांतिया पैदा होंगी

संवाददाता:- सागर बत्रा रायपुर
रायपुर, न्यूज़ धमाका:- कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र और राज्य सरकारों पर जीएसटी कॉउन्सिल के बाध्यकारी नहीं होने के फैसले के बारे में सुप्रीम कोर्ट के कल के आदेश का स्वागत किया है हालांकि यह निर्णय व्यापारिक समुदाय के पक्ष में है लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होंगे क्योंकि इससे जीएसटी केवल एक सिफारिश करने वाली संस्था के रूप में प्रतीत हो रही है और जीएसटी कॉउन्सिल की वैधता पर प्रश्न चिह्न लगते दिख रहे हैं इस निर्णय से ऐसा प्रतीत होता है कि जीएसटी परिषद जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों के प्रतिनिधि हैं जीएसटी कराधान प्रणाली के संबंध में एक सर्वोच्च निकाय नही रहेगी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जीएसटी कानून एवं नियमों की नए सिरे से समीक्षा करने का आग्रह किया है कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला है कि जीएसटी परिषद की सिफारिशें केंद्र एवं राज्य सरकारों पर बाध्यकारी नहीं हैं, इससे जीएसटी के जनादेश पर नकारात्मक असर पड़ने की  उम्मीद है यदि प्रत्येक राज्य को जीएसटी कॉउन्सिल की सिफारिश से मुक्त किया जाता है, तो यह उन्हें अपनी पसंद के अनुसार कानून और नियम बनाने का अधिकार देगा जो निश्चित रूप से जीएसटी नियमों में असमानता और विसंगति लाएगा और जीएसटी के मूल मूलभूत “एक राष्ट्र – एक कर“ के सिद्धांत के विपरीत होगा पारवानी और दोशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए यह कैसे उम्मीद की जाती है कि जीएसटी कानून और नियमों में पूरे देश में कराधान प्रणाली में एकरूपता बनाए रखी जाएगी। यदि राज्य जीएसटी के मुद्दों पर स्वतंत्र निर्णय लेना शुरू कर देते हैं तो पूरे देश में असमानता की स्थिति पैदा हो जाएगी। इतना ही नहीं इससे देश भर में व्यापार की मुक्त आवाजाही पर भी अंकुश लगेगा। इसका भारत में विदेशी निवेश पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि विदेशी कंपनियों ने पूरे देश में हमेशा एक ही कराधान कानून और नियमों की वकालत की है पारवानी और दोशी ने कहा कि जीएसटी कानूनों में बदलाव करने की राज्य सरकार की शक्तियों से विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कर ढांचे को बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी मूल रूप से गंतव्य आधारित उपभोग कर है। अब यह निर्णय उत्पादक राज्य सरकार को अपने फायदे के लिए अलग-अलग नीतियां बनाने का अधिकार देता है जबकि उपभोग करने वाले राज्यों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

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स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

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