सुपर डांसर चैप्टर 4
सुनील दत्त जी ने 5 मिनट के भीतर कराई थी मेरे लिए व्यवस्था
सुपर डांसर चैप्टर 4 बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त ने हाल ही में रियलिटी शो ‘सुपर डांसर चैप्टर 4’ के गणेश चतुर्थी स्पेशल एपिसोड के लिए शूट किया। शूटिंग के दौरान, संजय दत्त और शो के जज अनुराग बासु ने स्वर्गीय सुनील दत्त को याद किया। बातचीत के दौरान, अनुराग ने एक किस्सा सुनाया जिससे संजय भावुक हो गए।
संजय दत्त ने देश के युवाओं से किया विनम्र निवेदन
कंटेस्टेंट से एक दिल छू लेने वाला ट्रिब्यूट प्राप्त करने के बाद संजय दत्त का दिल भर आया और उन्होंने कहा, “मेरे पास शब्द नहीं हैं, लेकिन मैं सिर्फ एक बात कहना चाहूंगा कि जिंदगी में, मैंने वाकई में कभी पैसा नहीं कमाया है, लेकिन बहुत सारा प्यार और दोस्ती कमाई है और इससे मुझे मुश्किलों का सामना करने की ताकत मिली है। मैं आज के युवाओं से एक विनम्र निवेदन करना चाहता हूं, मेरी जिंदगी मत जियो। देश के कानून का पालन करो, और सब कुछ अपने मन से प्रेम रखकर करो। अंत में, मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि धन्यवाद।”
अनुराग बसु का सुनील दत्त से मिलने का सपना रह गया अधूरा
शो में आगे जज अनुराग बसु ने अपने जीवन की एक बहुत ही खास घटना का खुलासा किया, जिसने सभी को भावुक कर दिया। एक समय था, जब वो स्वर्गीय सुनील दत्त साहब से मिलना चाहते थे और महेश भट्ट से एक बैठक की व्यवस्था करने का अनुरोध करते थे। दुर्भाग्य से, वो दिन कभी नहीं आया और सुनील दत्त जी का निधन हो गया। अनुराग उन पहले कुछ लोगों में से थे, जो उस वक्त उनके घर पहुंचे और परिवार के साथ रहे। और यही वो दिन था, जब अनुराग ने किसी के जीवन की सबसे बड़ी कमाई का एहसास किया। उन्होंने सुनील जी के प्रति लोगों का बेशुमार प्यार और सम्मान देखा। उन्होंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था।
सुनील दत्त ने की थी अनुराग बसु के लिए अस्पताल में बेड की व्यवस्था
अनुराग बसु इस घटना का जिक्र करते हुए रो पड़े और उन्होंने कहा, “मैं यह इसलिए बता रहा हूं क्योंकि एक बार जब मैं बीमार था (कैंसर से पीड़ित) तो मुझे अस्पतालों में कहीं भी बेड नहीं मिल रहा था। महेश भट्ट ने दत्त साहब को फोन किया, जिन्होंने 5 मिनट के अंदर मेरे लिए अस्पताल कि व्यवस्था की और इसके लिए मैं टाटा अस्पताल में नरगिस दत्त फाउंडेशन का धन्यवाद देता हूं। मैं आज यहां उनकी (सुनील दत्त) वजह से हूं। इतना ही नहीं, वो हर दो दिन में मुझे फोन करते थे और मेरे स्वास्थ्य की जानकारी भी लेते थे। इसलिए, मैं आज यहां उनकी वजह से ही हूं और ये सोचकर मैं दुखी हो जाता हूं कि मुझे कभी उनका शुक्रिया अदा करने का मौका नहीं मिला। मैं दत्त परिवार का बहुत ऋणी हूं।” बता दें, अनुराग बसु को ब्लड कैंसर था। साल 2004 में वो इस बीमारी से लड़कर बाहर निकले थे।