
कोंडागांव न्यूज धमाका – छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आम लोगों की सुविधा के लिए स्थापित किए गए ड्राइविंग लाइसेंस सुविधा केंद्र अब भ्रष्टाचार का अड्डा बनते जा रहे हैं। यहां तय सरकारी शुल्क से 2000–3500 रुपये अधिक वसूले जा रहे हैं और बिना ट्रायल दिए लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं, जो कानूनन पूरी तरह से अवैध है।
प्रक्रिया की आड़ में अवैध उगाही
सरकार द्वारा तय शुल्क:
लाइसेंस प्रकार | लर्निंग शुल्क | स्थायी लाइसेंस शुल्क | कुल |
---|---|---|---|
टू-व्हीलर | ₹250 | ₹800 | ₹1050 |
फोर-व्हीलर | ₹355 | ₹1000 | ₹1355 |
लेकिन सुविधा केंद्रों में लोगों से ₹3000 से ₹5000 तक वसूले जा रहे हैं।
गरिमा चक्रवर्ती की आपबीती:
“मैंने ऑनलाइन आवेदन कर ₹355 का भुगतान किया था, लेकिन जब मैं सुविधा केंद्र पहुंची, तो मुझसे ₹3000 अतिरिक्त मांगे गए। मुझे यह अवैध लगा और मैंने लाइसेंस प्रक्रिया रोक दी।”
सुविधा केंद्र के संचालकों का दावा है कि “RTO ऑफिस का खर्चा देना पड़ता है, इसलिए अतिरिक्त वसूली की जाती है।”
यह दावा न केवल अनैतिक है, बल्कि कानूनी रूप से गलत भी है।
बिना ट्रायल लिए ही जारी हो रहे लाइसेंस!
स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कानूनन ट्रायल परीक्षा अनिवार्य है, लेकिन सूत्रों के अनुसार कुछ सुविधा केंद्र ट्रायल प्रक्रिया को दरकिनार कर, सीधे स्थायी लाइसेंस जारी कर रहे हैं।
यह न केवल लाइसेंस की वैधता पर सवाल उठाता है, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।
परिवहन विभाग की चेतावनी:
जिला परिवहन अधिकारी अतुल कुमार ने कहा:
“हमें मीडिया के माध्यम से इस अनियमितता की जानकारी मिली है। यदि जांच में शिकायतें सही पाई जाती हैं, तो सुविधा केंद्रों का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।”
जानिए — कैसे बनवाएं वैध और सस्ता लाइसेंस बिना एजेंट के
आप खुद घर बैठे या नजदीकी सत्यापित सुविधा केंद्र से यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं:
- parivahan.gov.in पर लॉगिन करें
- लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करें
- ₹250–₹355 शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें
- टेस्ट पास करने के बाद, ट्रायल की तारीख लेकर स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन करें
- एजेंट की कोई जरूरत नहीं है — प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है
यह सिर्फ आर्थिक शोषण नहीं, जनता की सुविधा से विश्वासघात है
सरकार ने जिन सुविधा केंद्रों को जनता की मदद के लिए खोला था, वे “कमीशन केंद्र” बन चुके हैं।
जहां एक ओर ग्रामीण और आमजन तकनीक की सहायता से आसानी चाहते हैं, वहीं ये केंद्र उनकी भूल-भुलैया बनते जा रहे हैं।