मुंबई न्यूज़ धमाका /// पर्दे पर एक्टर्स अच्छा दिखने के लिए मेकअप का सहारा लेते हैं. लेकिन कई बार ऐसा करना उनके लिए घातक साबित होता है. ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है. हाल ही में एक एक्ट्रेस को ज्यादा मेकअप करना भारी पड़ गया है. अपनी फिल्म में रोल करने के लिए एक्ट्रेस यानीया भरद्वाज ने प्रोफेशनल मेकअप लिया था, जिसके बाद उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वो अस्पताल में भर्ती हो गई है.
एक्ट्रेस यानीया भरद्वाज ने फिल्म ‘छोरी’ में छोटी माई की भूमिका निभाई है. फिल्म में यानीया भरद्वाज को भूतिया लुक देने के लिए प्रोस्थेटिक्स मेकअप का इस्तेमाल किया गया था और इसी वजह से उनकी तबीयत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. फिल्म में अपने मेकअप से ट्रांसफॉर्मेशन पर यानीया भरद्वाज ने कहा कि कम से कम तीन से चार घंटे प्रोस्थेटिक्स में लगते थे. इसे उतारने में भी दो घंटे लग जाते थे. मुझे सेट पर बाकियों से कई घंटे पहले पहुंचना पड़ता था
एक्ट्रेस यानीया भरद्वाज के लिए घोस्ट लुक लेना काफी मुश्किलों भरा सफर रहा है. यानीया भरद्वाज कहती हैं कि लुक काफी मुश्किल था. जितना स्क्रीन पर यह लग रहा है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल. बॉडी पर इसे लेना समस्या से भरा रहा. मेरे लिए यह एक वैक्सिंग एक्सपीरियंस की तरह था. पेट के आसपास जो छोटे बाल होते हैं, वह इसे उतारते हुए निकल जाते थे. कई बार मुझे रैशेज होते थे तो कई बार उनमें से खून आने लगता था. मेरे काम, हाथ और चेहरा प्रोस्थेटिक से कवर होता था. मैं खा भी नहीं पाती थी. मुझे रोज पेनकिलर्स लेनी पड़ती थीं. कई बार तो मुझे बुखार आ जाता था.
सूज गए थे फेफड़े
एक्ट्रेस यानीया भरद्वाज आगे कहती हैं कि मेरे फेफड़े सूज गए थे, जिसके कारणवश मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. बहुत कम लोगों को प्रोस्थेटिक्स करवाने का मौका मिलता है और मैं उनमें से एक रही. मैं खुद को लकी महसूस करती हूं. सिनेमा की दुनिया में प्रोस्थेटिक का मतलब यह नहीं होता कि आप कैसे दिखेंगे, उसमें कैसे एक्ट करेंगे यह महत्वपूर्ण होता है. मुझे बस यह नहीं पता था कि प्रोस्थेटिक मेरी बॉडी और हेल्थ को खराब करेगा. शूट के आखिरी दिन मैं कुछ खा ही नहीं पाई थी. कुछ पी नहीं पाई थी, क्योंकि जो भी खा-पी रही थी जो सब निकल रहा था शरीर से. सलाद तक नहीं मैं पचा पा रही थी.
एक्टिंग की दुनिया में आने को लेकर यानीया भरद्वाज ने कहा कि मैं अपने यंगर दिनों में सोचती थी कि एक्टिंग का मतलब होता है स्टार बन जाना. टीवी पर फिल्में देखते हुए मैं बड़ी हुई हूं. मैं सोचती थी कि एक्ट्रेस होने का मतलब होता है अच्छा दिखना और डांस करना. मैं नहीं जानती थी कि आपको ऑडियंस से भी कनेक्ट करना होता है. मेरा सपना था एक वॉरियर की भूमिका निभाने का. मैं तलवारबाजी जानती हूं और इसी में एक रोल करने की उम्मीद रखती हूं.