फिंगेश्वर,न्यूज़ धमाका :-छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज फिंगेश्वर द्वारा तीन मई को भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म उत्सव सामाजिक भवन फिंगेश्वर में मनाया गया। जिसमें पूजा अर्चना के साथ-साथ विश्व में सुख शांति व समृद्घि की कामना की गई तथा सामाजिक उत्थान के विषय पर चर्चा की गई।
समाजसेवी रामकृष्ण तिवारी ने कहा भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सतयुग व त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था। भगवान विष्णु के 24 अवतारों में भगवान परशुराम नर-नारायण एवं हयग्रीव आदि। इन अवतार अक्षय तृतीया के दिन ही धरा पर आए। कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था।
ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण आज ही के दिन हुआ था। तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के पट भी अक्षय तृतीय को खुलते हैं। वृंदावन के बांके बिहारी के चरण दर्शन केवल अक्षय तृतीया को होते हैं। समाजसेवी शरद चतुर्वेदी ने कहा भगवान परशुराम मृत्यु से मुक्त हैं। वह उन सात चिरंजीवी में से हैं।
जिन्हें हमेशा के लिए अमर माना जाता है भगवान परशुराम को दशावतार से संबंधित भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में माना जाता है। परशुराम उसी युग के सबसे क्रोधी ब्राह्मण माने जाते थे। उक्त अवसर पर समाज के अध्यक्ष महेशधर दीवान, शरद चतुर्वेदी, रामकृष्ण तिवारी, मन्नाूलाल चौबे, सुशील शर्मा, रामस्वरूप तिवारी, पुरुषोत्तम चतुर्वेदी, जयेश शर्मा, खिलावन चतुर्वेदी, नवनीत चतुर्वेदी, पंडित मनीष तिवारी, पंडित कृष्ण कुमार तिवारी, सतीश शर्मा, महेंद्र तिवारी व बच्चे मौजूद थे।