फिंगेश्वर,न्यूज़ धमाका :-विकासखंड फिंगेश्वर के ग्राम परसदाकला की शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में सफाई कर्मी का काम करने वाले 42 वर्षीय किसलाल निषाद की मौत की एसडीएम अविनाश भोई व तहसीलदार ने ग्राम परसदा में पहुंचकर की। तहसीलदार के मौका जांच प्रतिवेदन अनुसार उनकी मृत्यु ग्राम में ही टयूमर (कैंसर) से हुई है न की लू से।
तहसीलदार के मौका जांच प्रतिवेदन अनुसार उनकी मृत्यु ग्राम में ही टयूमर (कैंसर) से हुई है न की लू से हुई है। इधर अंशकालीन सफाईकर्मी संघ के अध्यक्ष रविन्द्र मरकाम संघ की ओर से मृतक किसलाल निषाद को श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए कहा कि किसलाल निषाद 9 मार्च से नियमितीकरण की मांग को लेकर संघ के प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन में रायपुर में शामिल हुआ था। जहां लू लगने के कारण उसकी तबियत बिगड़ी तो वह अपने घर आ गया। तबसे वह बीमार ही रहा और उसकी मृत्यु हुई है। मरकाम ने कहा कि लगातार तेज धूप में हड़ताल में शामिल होने के कारण अनेक कर्मी बीमार हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि राजधानी रायपुर में 9 मार्च को चल रहे अंशकालीन सफाई कर्मचारी संघ की हड़ताल में शामिल होने पर वहां तेज धूप व लू के कारण किसलाल की मौत बताए जाने पर एसडीएम अविनाश भोई व तहसीलदार ने ग्राम परसदा पहुंच मामले की जांच की। ग्राम परसदाकला के सरपंच मोहन निषाद व ग्रामीणों ने बताया कि मृतक पूर्व माध्यमिक शाला में परसदाकला में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत था।
21 मार्च 2021 से वह हड़ताल पर था। वहां से घुटने में दर्द के कारण वापस आकर 13 अप्रैल को फिंगेश्वर स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाने आया जहां उसे रायपुर एम्स में इलाज करवाने की सलाह दी गई। 19 अप्रैल को वह रायपुर एम्स में गया। वहां उसे एमआरआइ कराने कहा गया तो वह वापस आ गया। उससे चलने फिरने में काफी तकलीफ थी। एसडीएम अविनाश भोई ने बताया कि वह पूर्व माध्यमिक शाला परसदाकला में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे और 21 मार्च से हड़ताल पर थे।
लेकिन घुटने में दर्द (टयूमर) होने के कारण 13 अप्रैल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फिंगेश्वर में इलाज कराया फिर वहां से एम्स में जांच के लिए सलाह दी गई। 19 अप्रैल को एम्स रायपुर में आखिरी बार जांच करवाया। चलने फिरने में भी असमर्थ हो गया था। वह 19 अप्रैल से लगातार घर में रह रहा था कहीं बाहर नहीं निकला।
इस दौरान उनकी मृत्यु दो मई को दोपहर 12 बजे के आसपास ग्राम परसदाकला में हुई। उनका दाह संस्कार भी इसी दिन सुबह 10 बजे ग्राम में ही हुआ। उनके पीछे परिवार में उनकी पत्नी ओमिन निषाद व तीन भाई, माता-पिता हैं।