न्यूज़ धमाका :-मेडिकल की पढ़ाई के लिए दो महीने पहले यूक्रेन गई नार्थ मिलौनीगंज निवासी तज़ीन आलम कीव छोड़कर पोलैंड बार्डर तक पहुंच चुकी है। तज़ीन के परिजनों का कहना है कि वो ट्रेन से लबीब पहुंची और लबीब से बस द्वारा पोलैंड बार्डर तक पहुंचने में सफल रही है। पोलैंड बार्डर पर पहुंचने के बाद से अब तक तज़ीन से उसके परिजनों का संपर्क नहीं हो पाया है।
तज़ीन के पिता इकबाल आलम ने बताई कि तज़ीन से उनकी आखिरी बार बात बुधवार की शाम को हुई थी, जिसने दूतावास के अधिकारियों से बात के आधार पर बताया कि कि संभव है कि एक दो दिन में भारत के लिए फ्लाइट का इंतजाम हो जाए। अगर ऐसा हो पाता है, तब भी तज़ीन को अपने पहुंचने में शुक्रवार या शनिवार तक का वक्त लग सकता है। इकबाल आलम ने बताया कि पोलैंड में भारतीय दूतावास की ओर से रूकने और भोजन का इंतजाम करा दिया गया है। इस वक्त भी पोलैंड बार्डर पर हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं।
अब डेंजर-जोन से बाहर: इकबाल आलम ने इस बात पर संतोष जताई कि उनकी बेटी अब उस कीव शहर से बहुत दूर पहुंच चुकी है, जहां लोगों की जान-माल को सबसे ज्यादा खतरा है। कीव में जब तक उनकी बेटी रही, तब तक उनके परिजनों की जान हलक में अटकी रही। क्योंकि वहां चाहे जिस वक्त बम गिर रहे थे। बंकरों में रह रहे बच्चों के पास राशन-पानी की दिक्कत पेश आने लगी थी। हाल के दो दिनों के दौरान दूतावास और अन्य हेल्पलाइन नंबरों से भी अच्छा रिस्पांस देखने को मिला, जिससे भारतीय छात्र-छात्राओं के घर-वापसी की राह आसान हुई है।