जबलपुर,न्यूज़ धमाका :-मध्य प्रदेश के 52 जिलों में उज्जैन और जबलपुर में हवा की गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब है। पहले पायदान पर उज्जैन है, जहां वायु की गुणवत्ता बहुत खराब है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के पार लगातार बना हुआ है, जो विज्ञानियों के लिहाज से चिंताजनक है। इसके बाद जबलपुर है, यहां भी हवा में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक हो चुका है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अप्रैल 2022 के जांच नतीजों में बताया कि हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ चुका है। बीते साल की तुलना में यह स्थिति और खराब हुई है।
धूल के कण से प्रदूषण ज्यादा
जबलपुर शहर में प्रदूषण में सबसे ज्यादा पीएम-10 (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा अधिक बनी हुई है। औसत औसत 265 और 259 के बीच यह स्थिति है, जबकि सामान्य स्थिति में इसे 100 के भीतर होना होना चाहिए। तय मानक से करीब डेढ़ गुना ज्यादा प्रदूषण होने के कारण हवा खराब हो गई है। जिस वजह से हर समय हवा में धूल बनी रहती है। इसके अलावा पीएम-2.5 की स्थिति अधिकतम 60 होनी चाहिए जो 76 और 69 के बीच बनी हुई है।
इस संबंध में मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के विज्ञानी डा. एसके खरे ने बताया कि शहर के भीतर निर्माण कार्य बहुताए में चल रहा है िजिसकी वजह से धूल-मिट्टी के कण हवा में बने रहते हैं। उनके मुताबिक निर्माण के दौरान ठेकेदार और निगरानी करने वालों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्माण स्थल कवर किया गया हो, अौर उसमें लगातार पानी का छिड़काव किया जाए ताकि धूल न उड़े। इसके अलावा सड़क पर फैली धूल को साफ किया जाए।