न्यूज़ धमाका :-राजिम माघी पुन्नी मेला के अंतिम दिन मंगलवार को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्घालुओं-दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ी । श्रद्घालु ब्रम्ह मुुर्हुम में पुण्य स्नान कर नदी में दीपदान किया। पश्चात श्री राजीव लोचन एवं श्री कुलेश्वरनाथ महादेव, बाबा गरीबनाथ के दर्शन करने पहुंचे। दर्शन के बाद श्रद्घालु मेला क्षेत्र के विभिन्ना स्थानों में परिवार, मित्रों के साथ घूमते हुए दिखाई दिए। मसलन लोमष ऋषि आश्रम, नदी क्षेत्र, विभिन्ना स्टॉलों, शासकीय प्रदर्शनी, मीना बाजार आदि स्थानों में श्रद्घालु की भीड़ ही भीड़ दिखाई दी। दुकानदारों के लिए भी महाशिवरात्रि के दिन बहुत ही अच्छा साबित हुआ। मेला में सजी सभी दुकानों में खरीददारों की भीड़ नजर आयी। खासतौर से झुला, मौत कुंआ, भेलपुरी, चार्ट कार्नर, आईसक्रीम, गन्नाा रस जैसे रोड किनारे लगी सभी दुकाने भारी भीड़ रही।
संगम में लगाई डुबकी
महाशिवरात्रि पर तड़के सुबह बड़ी संख्या में श्रद्घालुओं ने राजिम के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर अपने आप को धन्य किया। धर्म के प्रति आस्था का जूनुन सोमवार की रात से ही देखने को मिल रहा था। आस्था और श्रद्घा के चलते भोलेनाथ महादेव जी के प्रति अटूट भक्ति रखने वाले भक्त सुबह 3 बजे से ही राजिम संगम की धार में डुबकी लगाने पहुंच गए थे। श्रद्घालुगण भगवान के दर्शन करने लाईन में डटे अपनी बारी की इंतजार करते रहे। यह सिलसिला तड़के तीन बजे से जारी रहा है।
शाही स्नान के लिए निकली साधु संतों की शोभायात्रा
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर नागा बाबाओं, साधु-संतों, विभिन्ना अखाड़ों के साधुओं, कबीर पंथीयो की शाही स्नान के लिए शोभायात्रा लोमष ऋषि आश्रम परिसर से सुबह 8 बजे निकली। इस शोभा यात्रा में समस्त नागा, साधु-संतों के साथ प्रशासन के अधिकारियों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। शोभायात्रा लोमष ऋषि आश्रम से शुभारंभ होकर श्रीकुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर के पीछे मार्ग से नेहरू बाल उद्यान होते हुए, राजिम पुल, पं. सुंदरलाल शर्मा चैक, गौरवपथ राजिम, ह्वीआईपी मार्ग होते हुए मेला में बने कुंड में पहुंची। शोभायात्रा का स्वागत दोनों शहर नवापारा और राजिम में विभिन्ना चौक चौराहों में फूलमालाओं बरसा कर किया गया। शोभायात्रा में विभिन्ना चौक में अनेकों अस्त्र-शस्त्रों से लैस नागा बाबाओं, साधु-संतों का शौर्य प्रदर्शन करते हुए अखाड़े चलाते रहे। शोभायात्रा शाही कुंड के पास पहुंचा, जहां शस्त्र पूजन पश्चात सर्वप्रथम नागा बाबाओं ने कुंड में छलांग लगाई और शाही स्नान की प्रक्रिया पूरा की।