बिलासपुर,न्यूज़ धमाका :- भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर तीन मई को अक्षय तृतीय के दिन भगवान परशुराम की घरों में पूजा-अर्चना के साथ हवन किया जाएगा। वहीं अगले दिन चार मई को शोभायात्रा निकाली जाएगी। मुख्य आयोजन समिति समग्र ब्राम्हण समाज एवं परशु सेना की सरकंडा स्थित शारदा भवन में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस बार भगवान परशुराम जन्मोत्सव दो दिन मनाया जाएगा।
बैठक में तय किया गया की भगवान परशुराम जन्मोत्सव को महोत्सव का रूप देते हुए हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इसमें चार मई को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद देवकीनंदन स्कूल में धर्मसभा होगी।यहां आशीर्वचन देने कवर्धा गौरीकापा के शनि शिव दुर्गा मंदिर से 1008 विवेक गिरी महराज विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
समिति के विनय शर्मा ने बताया कि शोभायात्रा शीतला माता मंदिर दयालबंद से शाम चार बजे निकलकर शहर के मुख्य मार्गों गांधी चौक, जूना बिलासपुर, गोल बाजार, सदर बाजार, सिम्स चौक होते हुए देवकीनंदन स्कूल प्रांगण में धर्मसभा के रूप में समाप्त होगी। यहां महाआरती के बाद महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। इस दौरान शोभायात्रा का जगह-जगह विभिन्ना सामाजिक संगठनों द्वारा स्वागत किया जाएगा। वहीं शोभायात्रा मार्ग को तोरन एवं झंडों से सजाकर स्वागत द्वार भी बनाएं जाएंगे ।
बैठक में प्रमुख रूप से चंद्रप्रकाश बाजपाई,डा. प्रदीप शुक्ला, चंद्रभूषण शुक्ला, रामप्रसाद शुक्ला, रेखेन्द्र तिवारी, अरविंद दीक्षित,एम महेश, उमेश गौरहा, अनिल गौरहा, राजेन्द्र शर्मा, एस विश्वनाथ, चद्रशेखर राव, रामेंद्र दुबे, गिरीश शर्मा, विनोद तिवारी, विभा गौरहा, सनत दुबे, आरती दुबे, राजकुमार शास्त्री, विनय शर्मा, राजकुमार तिवारी, शुशांत शुक्ला, केशव तिवारी, प्रदीप शर्मा, आशुतोष तिवारी, आदर्श दुबे, चुट्टू अवस्थी, पिंकू अवस्थी, प्रचल चौबे, केशव प्रसाद तिवारी,निर्मल झा,प्रणव शर्मा,अमित शुक्ला,के.एल शुक्ला,मक्नोज शुक्ला, वीना तिवारी, माहीमिश्रा,रोहित मिश्रा, ऋषभ चतुर्वेदी,महर्षि बाजपई,अभिषेक तिवारी, ज्योतिंद्र उपाध्याय, हरीश शर्मा, प्रवीण शुक्ला,दाउ शुक्ला, संदीप मिश्रा, अखिलेश शर्मा, नारायण अवस्थी, प्रदीप पाण्डेय, मानस मिश्रा, अनीश तिवारी आदि मौजूद थे।
अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य इसलिए चार को आयोजन
तीन मई अक्षय तृतीय के दिन अधिक मांगलिक कार्य होने की वजह से समाज के सभी लोग शोभायात्रा और धर्मसभा में शामिल नहीं हो पाते थे साथ ही ब्राम्हण समाज का एक बड़ा तबका कर्मकांड से भी जुड़ा है. इसकी वजह से वे सभी अक्षय तृतीया के दिन व्यस्त रहते हैं। इसलिए बैठक में सुझाव पर शोभायात्रा का आयोजन चार मई को किया जाएगा। इस वर्ष से हर साल भगवान परशुराम का जन्मोत्सव दो दिवसीय मनाया जाएगा।