भोपाल न्यूज़ धमाका /// शहर के गोविंदपुरा स्थित बरखेड़ा पठानी में भेल के खाली खंडहर के पास एक्टिवा पर बैठे युवक ने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा ली थी। इस आत्मदाह में उसका शरीर ऊपर से पूरी तरह से झुलस गया था, जबकि एक्टिवा जलकर खाक हो गई थी। गत 3 दिसंबर की शाम हुए इस आत्मदाह के बाद युवक को एम्स में भर्ती कराया गया था। वहां से उसे चूनाभट्टी के निजी अस्पताल फिर हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, करीब चार तीन दिन बाद इलाज के दौरान शुक्रवार शाम युवक की मौत हो गई।
पुलिस ने मृत्युपूर्व उसके बयान लिए थे। बयान में उसने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से आत्मदाह किया है। वह खुद से परेशान हो गया है। दरअसल, युवक का मानसिक संतुलन बिगड़ चुका था और परिजन उसका दो अलग-अलग मनौचिकित्सक के पास इलाज करा रहे थे, लेकिन उसे आराम नहीं मिला था। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
एएसआई बाबूलाल वर्मा ने बताया कि सत्यांश सिंह पिता अश्वनी सिंह (21) साकेत नगर में रहता था। सत्यांश के पिता अश्वनी सिंह भेल में ठेकेदार है। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके दो बेटो में छोटा बेटा विपान सिंह और बड़ा बेटा सत्यांश सिंह था। सत्यांश का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। वह मनौचिकित्सक डॉक्टर मनीष बोरागी और डॉक्टर सत्यान सिंह के पास उसका इलाज करा रहे थे। लंबे समय से इलाज कराने के बाद भी सत्यांश को आराम नहीं मिला था। वह अक्सर अजीब से हरकतें करने लगता था।
बीते 3 जनवरी को सत्यांश घर से एक्टिवा लेकर निकला था। इसके बाद परिजन को मोबाइल पर सूचना मिली कि सत्यांश ने आत्मदाह कर लिया है। परिजन उसे एम्स से चूनाभट्टी स्थित निजी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। प्राइवेट अस्पताल में खर्च काफी ज्यादा होने के कारण परिजन उसे हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंचे। हमीदिया अस्पताल में इलाज के दौरान सत्यांश की शुक्रवार शाम मौत हो गई।