
मैनपुर,न्यूज़ धमाका :- विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर उदंती अभयारण्य क्षेत्र के गांव देवझर अमली के बैधपारा व अमाड़ के आश्रित पारा कोंकोटपारा के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। वे झरिया का पानी पीने मजबूर हैं।
गांव में 25 से 35 मकान हैं। पर ग्रामीणों को शुद्घ पेयजल भी नसीब नहीं हो पा रहा है। ग्राम पंचायत अमाड़ के सरपंच पुस्तम सिंह मांझी ने बताया कि हमने तीन महीना पूर्व जिला मुख्यालय गरियाबंद पहुंचकर पीएचई विभाग के अधिकारियों को दोनों पारा में हैंडपंप की अति आवश्यक इस बात से अवगत कराया था। वहां के ग्रामीणों को गर्मियों के इन दिनों में जल स्तर नीचे चले जाने के कारण पानी के लिए भारी परेशानी हो रही है।
ऐसा कहे जाने पर विगत दो महीना पूर्व पीएचई विभाग के कर्मचारी सर्वे करने आए थे फिर विश्वास दिलाते हुए कहा गया बहुत जल्द दोनों पारा में हैंडपंप खनन कार्य किया जाएगा लेकिन दुर्भाग्य है आज तक हैंडपंप खनन इस दोनों पारा में नहीं हो पाया। जिसके कारण वहां के ग्रामीण झरिया कुआं के पानी पीने मजबूर हैं।
यहां के पंचायत के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ने समय रहते ही पीएचई विभाग के अधिकारों को गर्मियों के दिनों में होने वाली परेशानियों से अवगत कराते हुए नलकूप खनन की गुजारिश की थी पर शायद विभाग के जिम्मेदारों को ग्रामीणों की तकलीफ से कोई सरोकार ही नहीं। तभी तो ग्रामीणों को पीने योग्य पानी के लिए इस भीषण गर्मी में जद्दोजहद करना पढ़ रहा है।
ज्ञात हो कि वनांचल क्षेत्रों में शुद्घ पेयजल नहीं मिलने के कारण हर समय मौसमी बीमारियों से ग्रामीणों को जूझना पड़ता है। मोहल्लेवासी मानसिंह, लंबोधर सोरी, गंगाधर नेताम, सेन्दूर मांझी, नाथू राम, दुर्जन, हीरासिंह पोर्टी, तिरन, वार्ड पंच मिथुला, माधव, डिंगर ने कलेक्टर व संबंधित विभाग से दोनों पारा में हैंडपंप खनन के लिए एक बार फिर से गुहार लगाई है।