संवाददाता सागर बत्रा रायपुर
रायपुर :- रामचरित मानस की प्रतियां जलाने वाले हो या जाति वर्ग के लिए पंडितों को दोषी ठहराने वाले बयान देने वाले हो दोनों का मकसद वैमनस्यता फैलाना। मोहन भागवत हो या स्वामी प्रसाद मौर्या दोनों की मंशा सिर्फ भावनाये भड़का कर अशांति फैलाना प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आरएसएस भाजपा और सपा के नेताओं के द्वारा की जा रही कृत्य निंदनीय है सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित्र मानस की प्रति जलाकर रामचरित मानस के मानने वालों के भावनाएं भड़काने का षड्यंत्र किया है तो आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने जाति वर्ग विभाजन के लिए पंडितों को दोषी ठहरा कर पंडितों के खिलाफ दूसरे वर्गो के भावनाओं को भड़काने का षड्यंत्र रचा है आरएसएस का मकसद मोदी सरकार की असफलता बढ़ती बेरोजगारी महंगाई गिरती अर्थव्यस्था और 2023 के जनअपेक्षाओं के विपरीत बजट और अडानी के फ्रॉड से जनमानस का ध्यान हटाना है आरएसएस एक ओर मस्जिद जाकर क्रिसमस भोज करा एकता की बात करती है तो दूसरी ओर अपनी वैमनस्यता की राजनीति को बढ़ाने उलजुलूल बयानबाजी करती है प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आरएसएस और उनके अनुषांगिक संगठन हमेशा से अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करते रहे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा नेताओं को अल्पंसख्यक वर्ग के खिलाफ अमर्यादित टीका नही करने की सख्त हिदायत दी गई है उसके बाद आरएसएस द्वारा सोची समझी रणनीति के तहत अब पंडितों के खिलाफ जहर उगला जा रहा है जो निदंनीय है प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि देश ने देखा है किस प्रकार से आरएसएस और भाजपा से जुड़े लोगों ने दिल्ली के जंतर मंतर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा लिखी गई संविधान की प्रतियां जलाई थी अब सपा के नेता रामचरित्र मानस की प्रतियां जला रहे हैं और आर एस एस के प्रमुख मोहन भागवत जाति वर्ण के लिए पंडितों को जिम्मेदार ठहरा कर भावनाएं भड़का रहे हैं यह उचित नहीं है।