छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के आपसी घमासान के बीच पार्टी आलाकमान के अंतिम निर्णय लेने की खबरें सामने आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक राज्य के ढाई-ढाई साल के सत्ता परिवर्तन समझौते पर आखिरी फैसला लिया जाएगा।
रायपुर न्यूज़ धमाका /// छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर जारी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल के ढाई साल पूरे होने के साथ ही नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठने लगी है। हाल ही में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कथित तौर पर नवंबर से पहले भूपेश बघेल को इस्तीफा देने के लिए कहा था। भूपेश बघेल ने अपने आवास पर देर रात ‘आपातकालीन बैठक’ बुलाई है। बैठक के लिए एक दर्जन से ज्यादा विधायक सीएम आवास पर पहुंचे हैं। सूत्रों के अनुसार, आगे की कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए कल और विधायकों को बुलाया गया है, इससे यह संकेत मिल रहा है कि बघेल बिना लड़ाई के पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। भूपेश बघेल बहुत जल्द पूर्व मुख्यमंत्री कहलाएंगे |क्युकि ढाई ढाई साल का फार्मूला था ,जिसमे अब मुख्यमंत्री का पद संभलने की बारी वर्त्तमान स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव की है | और आलाकमान ने भूपेश बघेल को आखरी अल्टीमेटम भी दे दिया है , की वो अक्टूबर के महीने तक अपना पद छोड़ दे |
और जैसे की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमेशा कहते है कि जो फेसला आलाकमान लेगी वो अंतिम होगा उस हिसाब से मुख्यमंत्री की विदाई की बेला नजदीक आती नज़र आ रही है राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव नवंबर में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल सकते हैं। कुछ दिनों बाद, सूत्रों ने खुलासा किया कि सीएम बघेल को पार्टी आलाकमान द्वारा अक्टूबर के अंत तक पद छोड़ने के लिए कहा गया है। ताबूत में आखिरी कील कथित तौर पर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद आई जो 16 अक्टूबर को नई दिल्ली में हुई थी। सूत्रों ने बताया था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान इस संबंध में अंतिम फैसला लिया जाने वाला था।
कांग्रेस ने 2018 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में 90 विधानसभा सीटों में से 68 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की, इसके बाद बघेल,सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत के लिए चार दावेदारों के साथ अगला मुख्यमंत्री चुनने का काम सौंपा गया। इस पर बघेल और सिंहदेव के बीच कथित तौर पर 2.5 साल के साझा समझौते को अंतिम रूप दिया गया। जून 2021 में सत्ता में बघेल के 2.5 साल पूरे होने के बाद, टीएस सिंहदेव ने शीर्ष पद की मांग की, जिसे पूर्व ने मना कर दिया। कांग्रेस आलाकमान ने सीएम को बदलने का फैसला किया है। छत्तीसगढ़ के राजनीतिक संकट ने भी कथित तौर पर पार्टी आलाकमान को विभाजित कर दिया है। इस बीच, सिंहदेव ने कांग्रेस आलाकमान को अपने किए गए वादे को पूरा करने के लिए एक अल्टीमेटम दिया है, बघेल कथित तौर पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अपना पद बचाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। सिंहदेव ने इस बात की पुष्टि की है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सत्ता-बंटवारे की लड़ाई के पक्ष में थे।