
जगदलपुर न्यूज़ धमाका // जगदलपुर शहर के प्रतापगंज पारा निवासी पंकज साव ने बताया कि उनकी पत्नी गर्भवती होने के बाद लगातार पिछले 6 महीनों से लागू नर्सिंग होम में उनकी पत्नी का चेकअप चल रहा था और इस दौरान डॉक्टर के द्वारा चेकअप के नाम पर हर बार 25 से 30 हजार रुपये वसूली जा रही थी जब उनकी पत्नी 6 महीने की गर्भवती हुई तब भी डॉक्टर के द्वारा मां और बच्चा दोनों स्वस्थ होने की बात कही गयी थी, डिलीवरी के 1 दिन पहले तक बच्चा स्वस्थ होने की बात कहते हुए डिलीवरी शुरू की गई और एन वक्त पर सीजर ऑपरेशन करने की बात डॉक्टर के द्वारा कही गई और इसके लिए वे भी राजी हो गए, लेकिन सुबह 8 बजे डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया और इसकी वजह बच्चे का काफी कमजोर होना बताया.
परिजनों ने आरोप लगाया कि जिस बच्चे को पहले डॉक्टर स्वस्थ होना बता रहे थे, वहीं सीजर के दौरान उनका बच्चा मृत होना बताया गया. 24 घंटे बाद मरीज के कोख से बच्चे को निकालने की बात कही गई, परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज की हालत खराब होने के बावजूद भी ना ही उसे देखा जा रहा था और ना ही कोख से बच्चे को बाहर निकालने के लिए डॉक्टर के द्वारा कोई कवायद की जा रही थी, ऐसे में परिजनों को डर है कि यह इंफेक्शन मरीज में भी फैलने से उनकी जान जा सकती है. परिजनों ने कहा कि लागु नर्सिंग होम में जिस तरह से डॉक्टर स्टाफ ने लापरवाही बरती है इसके लिए उन पर कार्यवाही होनी चाहिए.
इधर लागू नर्सिंग होम के डॉक्टर का कहना है कि बच्चा पहले से ही कमजोर था और आज परिजनों को सीजर ऑपरेशन के लिए भी बताया गया था, लेकिन सुबह 8 बजे बच्चे की मौत हो गई और उसके बाद बकायदा मरीज को इंजेक्शन दिया गया है और नियम के मुताबिक 24 घंटे बाद ही बच्चे को बाहर निकालने की बात कही गई है, बावजूद इसके परिजन उन पर अर्नगल आरोप लगा रहे हैं. नर्सिंग होम के संचालक का कहना है कि सीजन के दौरान कई बार इस तरह के मामले सामने आते हैं.
शहर में लगातार निजी नर्सिंग होम में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं ,परिजन आरोप लगाते हैं कि नर्सिंग होम संचालकों के द्वारा बेहतर सुविधा देने के नाम पर लाखों रुपए फीस वसूले जाते हैं लेकिन वही सीजर के दौरान इस तरह लापरवाही बरतते हैं, इधर इस मामले को लेकर लगातार परिजन संचालक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.